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21 साल तक दर-दर भटकी स्क्रिप्ट, नहीं मिला कोई प्रोड्यूसर, फिर हीरो ने घर बेचकर बनाई फिल्म, जीते 2 नेशनल अवॉर्ड

बॉलीवुड की एक ऐसी क्लासिक फिल्म है, जिसे बनाने में 21 साल लगे। निर्माताओं ने इसे बनाने से इनकार कर दिया था। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म न चल सकी, लेकिन ओटीटी पर आते ही तबाही मचा दी। इस फिल्म के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published on: September 13, 2024 14:28 IST
Tumbbad- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM हस्तर।

बॉलीवुड में हर साल कई फिल्में बनती हैं जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाती हैं, लेकिन कई सालों बाद ओटीटी और सिटकॉम के जरिए उन्हें प्यार मिलता है। कई फिल्मों को अपनी जगह बनाने और क्लासिक बनने में सालों का वक्त लग जाता है। ऐसी ही एक छोटी बजट की फिल्म जिसमें कोई सुपरस्टार नहीं था, बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई, लेकिन बाद में इसे कल्ट का दर्जा मिला। हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, उसे बनने में 21 साल लग गए, निर्माताओं ने इसे बनाने से मना कर दिया, जैसे-तैसे बनी मगर सिनेमाघरों में नहीं चली, फिर ओटीटी पर हिट हो गई। यह फिल्म कोई और नहीं बल्कि तुम्बाड है।

कैसी है कहानी

तुम्बाड एक छोटे बजट की भारतीय भाषा की लोककथा हॉरर फिल्म है, जिसका निर्देशन राही अनिल बर्वे ने किया है। इस फिल्म का निर्माण सोहम शाह, आनंद एल. राय, मुकेश शाह और अमिता शाह ने किया है। विनायक राव की मुख्य भूमिका में सोहम शाह अभिनीत यह फिल्म महाराष्ट्र के तुम्बाड नामक भारतीय गांव में 20वीं सदी के छिपे हुए खजाने की खोज की कहानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लेखक-निर्देशक राही अनिल बर्वे ने 'तुम्बाड' का पहला ड्राफ्ट 1997 में लिखा था? इस फिल्म का शीर्षक श्रीपाद नारायण पेंडसे के मराठी उपन्यास तुम्बाडचे खोट से लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2009-2010 में राही ने 700 पन्नों का स्टोरीबोर्ड लिखा था।

मुश्किल से बनी फिल्म

यह पहली बार 2008 में बननी शुरू हुई थी। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को मुख्य भूमिका में लिया गया था। अचानक ही निर्माता फिल्म बनाने से पीछे हट गए और इस कारण फिल्म नहीं बन सकी और शूटिंग बंद हो गई। 'तुम्बाड' आखिरकार 2012 में फ्लोर पर आई। हालांकि संपादन के दौरान अनिल फिल्म से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए फिल्म को साल 2015 में फिर से लिखा और शूट किया गया। अनिल बर्वे के अनुसार कई निर्माताओं ने इस परियोजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया, 'हिंदी सिनेमा में इस तरह का कुछ भी पहले कभी नहीं किया गया था।' फिल्म को 5 साल और 4 मानसून में शूट किया गया था। इस वजह से फिल्म का बजट सोचे हुए से काफी ज्यादा हो गया और फिर फिल्म के नायक, निर्माता ने फिल्म के लिए अपना घर और कार बेच दी।

सोहम ने सुनाई पूरी कहानी

आजतक को दिए इंटरव्यू में सोहम ने बताया कि फिल्म को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना घर और कार तक बेच दी। 'जब तक फिल्म बनी, मैं आर्थिक रूप से थक चुका था। इन सात सालों में मुझे अपना फ्लैट बेचना पड़ा, फिर कुछ और प्रॉपर्टी बेचनी पड़ी और आखिरकार अपनी कार भी बेचनी पड़ी।' फिर फिल्ममेकर आनंद एल राय ने फिल्म को प्रोड्यूस किया और आखिरकार 2018 में इसे रिलीज किया गया। 5 करोड़ रुपये में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 13 करोड़ रुपये कमाए। हालांकि जब यह ओटीटी पर आई, तो इसने सभी का दिल जीत लिया और हिट हो गई। अब फिल्म को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। पिछले कुछ सालों में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बावजूद इस फिल्म ने कल्ट स्टेटस हासिल कर लिया है।

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