वो डायरेक्टर जिन्हें विरासत में मिला निर्देशन, किसी ने चमकाया तो कोई रहा नाकाम
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासत में मिला निर्देशन, किसी ने चमकाया तो कोई रहा नाकाम
फिल्मी जगत में कई ऐसे डारेक्टर हुए जिन्होंने न सिर्फ भारतीय परिपेक्ष्य पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक भी फिल्मों को पहुंचाया और वाहवाही लूटी।
Written by: Shweta Bajpai Updated on: January 19, 2022 15:02 IST
फिल्मी जगत में सैंकड़ों फिल्में बनती हैं, लेकिन उनमें से कुछ फिल्में ही दर्शकों के जहन में छाप छोड़ पाती हैं। इनमें से कुछ फिल्मों का डायरेक्शन तो कुछ कलाकारों की एक्टिंग इन्हें यादगार बना देती है। फिल्मी जगत में कई ऐसे डारेक्टर हुए जिन्होंने न सिर्फ भारतीय परिपेक्ष्य पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक भी फिल्मों को पहुंचाया और वाहवाही लूटी। इनमें से कई डायरेक्टर्स आज हमारे साथ तो नहीं हैं लेकिन उनके निर्देशन की कला आज भी हमें उनके बच्चों द्वारा फिल्मों में देखने को मिलती है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे डायरेक्टर्स से रूबरू कराते हैं जिनकों अपने पिता से विरासत में निर्देशन की कला मिली और आज उनका नाम अच्छे डायरेक्टर्स की लिस्ट में शुमार है-
करण जौहर-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासतम में मिला निर्देशन
करण जौहर ने फिल्मी जगत को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं, लेकिन उन्हें यह कला उनके पिता से मिली। दरअसल करण के पिता यश जौहर बड़े डायरेक्टर्स में से एक थे। यश जौहर द्वारा निर्मित की गई हर फिल्म आज भी दर्शकों को याद आती है। उनकी फिल्फों में सेट और लोकेशन पर विषेश महत्व दिया जाता था। इस चीज को उनके बेटे करण जौहर ने भी अपनाया है। यश जौहर ने अपने बेटे करण जौहर के साथ भी काम किया। निर्देशक के रूप में करण जौहर की पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ थी। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। उन्होंने अपने बेटे के साथ ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘कल हो ना हो’ में भी काम किया था।
रोहित शेट्टी-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासतम में मिला निर्देशन
रोहित शेट्टी एक्शन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। इनकी हर फिल्म में एक्शन सीन्स काबिले तारीफ होते हैं। रोहित शेट्टी को ये हुनर भी उनके पिता से उन्हें मिला। रोहित शेट्टी के पिता एम बी शेट्टी ने अपने करियर की शुरुआत फाइट इंस्ट्रक्टर के तौर पर की। इसके बाद वो एक्शन डायरेक्टर बने और फिर एक्टर। शेट्टी साहब ने हिंदी फिल्मों में बतौर बॉडी डबल और स्टन्टमैन काम शुरू किया। इसके बाद इन्होंने कई फिल्मों में एक्शन डायरेक्टर के तौर पर काम किया। कहा जाता है कि उन्हें विलेन और एक्टर प्राण साहब के ही कहने पर पहला ब्रेक एक्शन डायरेक्टर के तौर पर मिला था। जब रोहित शेट्टी काफी छोटे थे, तभी उनके पिता एम बी शेट्टी का निधन हो गया।
राजकुमार संतोषी-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासतम में मिला निर्देशन
राजकुमार संतोषी फिल्म जगत के एक जाने माने चेहरे हैं और इस वक्त इनका नाम भारत के बेहतरीन फिल्मकारों में गिना जाता है। इन्होंने कई बेहतरीन फिल्में अपने जीवनकाल के दौरान बनाई हैं। राजकुमार संतोषी के पिता बॉलीवुड के एक जाने माने निर्माता और निर्देशक हुआ करते थे, जिनका नाम पी.एल. संतोषी था और उन्होंने दक्षिण भारत की फिल्मों में भी कार्य किया था। यूं तो बतौर निर्देशक उन्होंने कई फिल्में बनाईं, लेकिन 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की थीम पर 'हम पंछी एक डाल के' (1957) ने उन्हें अमर कर दिया। यह पहली बाल फिल्म है, जिसे नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। निर्देशक के रूप में 'बरसात की रात' (1960) और 'दिल ही तो है' (1963) संतोषी की सबसे कामयाब फिल्में थीं। वहीं राजकुमार संतोषी 'घायल' (1990) के जरिए सुर्खियों में आए।
पूजा भट्ट-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासतम में मिला निर्देशन
निर्देशन की दुनिया में पुजा भट्ट भी एक बड़ा नाम है। हालांकि पूजा भट्ट ने अपने करियर की शुरुआत महज 17 साल की उम्र में टीवी फिल्म डैडी से की थी। इस टीवी फिल्म का निर्देशन उनके महेश भट्ट ने किया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में भी कीं लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। पूजा भट्ट के पिता महेश भट्ट के नाम कई अच्छी फिल्में हैं। महेश भट्ट एक ऐसे डायरेक्टर थे जिन्होंने बता दें कि पूजा भट्ट का पूरा परिवार फिल्मों से जुड़ा हुआ है।
सूरज बड़ताज्या-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासत में मिला निर्देशन
सूरज बड़ताज्या का नाम अच्छे डायरेक्टर की लिस्ट में गिना जाता है। हम आपके हैं कौन, मैंने प्यार किया, हम साथ- साथ हैं, विवाह जैसी बेहचतरीन फिल्मों के लिए सूरज बड़ताज्या जाने जाते हैं। उनके पिता राज कुमार बड़ताज्या भी डारेक्शन की दुनिया में बड़ा नाम थे, जिनसे सूरज बड़ताज्या को ये टैलेंट मिला। राज कुमार बड़ताज्या ने हम चार, प्रेम रतन धन पायो, मैं प्रेम की दीवानी हूं जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है।
आदित्य चोपड़ा-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासत में मिला निर्देशन
आदित्य चोपड़ा एक भारतीय फिल्म निर्देशल, लेखक और निर्माता हैं। वह हिंदी सिनेमा के मशहूर दिवंगत निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा के बेटे हैं। आदित्य चोपड़ा ने अपने करियर की शुरआत महज 18 साल की उम्र में बतौर सहायक निर्देशक कर दी थी। उन्होंने अपने पिता यश चोपड़ा को कई हिट फिल्मों में असिस्ट किया, चांदनी, डर और लम्हे आदि। आदित्य चोपड़ा ने बतौर निर्माता निर्देशक इस हिंदी सीनेमा को कई बेहतरीन फ़िल्में दी है। जैसे धूम 3, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, एक था टाइगर, जब तक है जान, रब ने बना दी जोड़ी, धूम 2, वीर-जारा, मोहबब्तें, फना और गुंडे आदि।
जैकी भगनानी-
वो डायरेक्टर जिन्हें विरासतम में मिला निर्देशन
जैकी भगनानी एक भारतीय फिल्म एक्टर हैं, जोकि मुख्य तौर से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं। जैकी ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू वर्ष 2009 में फिल्म कल किसने देखा से किया था। जैकी भारतीय फिल्म निर्माता वासु भगनानी के बेटे हैं। जैकी भगनानी ने कई फिल्मों में प्रड्यूसर का काम किया है। सरबजीत, दिल जंगली, जवानी जानेमन, कुली नंबर 1 जैसी फिल्मों में निर्माता के तौर पर अपना हाथ आजमाया है। हालांकि सिक्का निर्देशन के दुनिया में उतना नहीं चल पाया।
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