Romanticc Tukde: सभी सिनेमा लवर्स को बॉलीवुड का 90 का दशक काफी पसंद आता है। फिल्म के जानकार उस दौर को जादूई कहते हैं। वहीं अब एक ऐसी फिल्म रिलीज होने वाली है, जिसे देखकर वाकई लोगों को 90 का दशक याद आएगा। यह फिल्म है, 'रोमांटिक टुकड़े' जिसे 'मांझी: द माउंटेन मैन' के लेखक वरदराज स्वामी ने निर्देशित किया है। फिल्म 'रोमांटिक टुकड़े' की कहानी सिनेमा हॉल में चल रही फिल्मों से रिफ्लेक्ट होकर फिल्म के मुख्य पात्र को बार-बार प्रभावित करती है। वो मुख्य महिला पात्र फिल्म देखकर कुछ न कुछ नया सीखती है और नया करने की कोशिश करती है। कुछ फिल्में उसको इतना मोटिवेट करती हैं कि मुख्य पात्र अपने जीवन में घटित कुछ अनहोनी घटनाओं का जिन लोगों ने उसके साथ अत्याचार या अन्याय किया है, उनसे बदला लेती है।
फिल्म 'रोमांटिक टुकड़े' एक नए तरह का प्रयोग सिनेमा जगत में लेकर आ रही है। फिल्म 90 के दशक के सिनेमा के गोल्डन टाइम की याद ताजा कराती है। रोमांटिक टुकड़े की कहानी तब की है, जब सिनेमा हॉल में ब्लैक टिकिट बिकते थे। सिनेमा की टिकट के लिए मारामारी होती थी। फिल्म 'रोमांटिक टुकड़े' में पंकज बेरी, निकुंज मलिक, अमिया अमित कश्यप, विवेकानंद झा, भक्ति पुंजानी, ब्रजेश झा और धामा वर्मा जैसे सशक्त कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।
इस फिल्म का निर्देशन वरदराज स्वामी ने किया है, जबकि फिल्म का निर्माण विजय बंसल और प्रिया बंसल ने किया है। फिल्म का लेखन शहजाद अहमद ने किया है तो वहीं फिल्म का कर्णप्रिय संगीत तुतुल भट्टाचार्य ने दिया है और फिल्म के उम्दा गानों को पीयूष मिश्रा और केतन मेहता ने लिखा है। फिल्म के सह-निर्माता आसिफ़ ख़ान और वेदर फिल्म्स हैं।
फिल्म रोमांटिक टुकड़े के बारे में निर्देशक वरदराज स्वामी कहते हैं। "'रोमांटिक टुकड़े' बिल्कुल अनछुई कहानी है। मैं हर समय कुछ नया करता हूँ। कुछ अलग करने की कोशिश करता हूँ। मैं ये मान कर चलता हूँ कि मेरी फिल्में दर्शकों को मनोरंजन के साथ नयी सोच दे, नयी दिशा दे। इस फिल्म को मैंने सिनेमा की नयी धारा में कहने की कोशिश की है। रोमांटिक टुकड़े आर्ट सिनेमा और कमर्शियल सिनेमा से आगे की सोच है।" बता दें कि 'रोमांटिक टुकड़े' की शूटिंग बिहार के बेगुसराय जिले और मुम्बई के विभिन्न इलाकों में की गई है।