भारतीय सिनेमा की सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक अनुभवी अभिनेत्री शबाना आजमी ने हाल ही में अपने करियर के 50 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने 160 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। 74 साल की शबाना आजमी ने न केवल स्वतंत्र सिनेमा में बल्कि मुख्यधारा में भी कमाल का काम किया और मेल एक्टर्स की भीड़ अपना अलग नाम बनाया है। उनके पास 'अंकुर', 'अर्थ', 'खंडहर', 'पार' और 'गॉडमदर' में निभाई गई दमदार परफॉर्मेंस हैं, जिनके लिए उन्हें सबसे अधिक पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने का अद्भुत रिकॉर्ड है। उन्हें भारत सरकार द्वारा 1998 में पद्म श्री और 2012 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।
इंडस्ट्री में करना पड़ा संघर्ष
हालांकि, शबाना आजमी की सभी शानदार उपलब्धियों के साथ उनके संघर्ष भी आए। क्या आप जानते हैं कि एक बार उन्हें फिल्म सेट पर अपमानित किया गया था? शबाना आजमी ने एक बार खुलासा किया था कि कैसे 'परवरिश' के सेट पर उनके कोरियोग्राफर कमल ने उन्हें भावनात्मक रूप से परेशान किया था। 'परवरिश' 1977 में रिलीज हुई थी और इसमें शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और नीतू कपूर ने अभिनय किया था। एक पॉडकास्ट के दौरान आदि पोचा से बात करते हुए शबाना आजमी ने कहा, 'मैं अपनी जान बचाने के लिए डांस नहीं कर सकती। मेरे दो बाएं पैर हैं। मैंने कमल मास्टर से पूछा था, वह कोरियोग्राफर थे। मैंने कहा कि कृपया मुझे रिहर्सल दीजिए। उन्होंने कहा कि रिहर्सल की जरूरत नहीं है। आपको बस ताली बजानी है।' बाद में शबाना आजमी को पता चला कि एक पूर्ण नृत्य प्रदर्शन था, जिसमें उन्हें सफल होना था।
इस बात से परेशान हुई थीं एक्ट्रेस
उन्होंने कहा, 'यह बहुत डरावना था क्योंकि मैं नीतू सिंह के साथ थी। इससे पहले कि मैं यह समझ पाती कि मुझे अपना दायां पैर कहां रखना है और बायां पैर कहां रखना है, नीतू दो रिहर्सल कर चुकी होती थी और वहीं बैठ जाती थी। मैं वास्तव में बहुत घबराई हुई थी। मैंने कमल जी से कहा कि यह बहुत जटिल है और क्या हम इसे थोड़ा बदल सकते हैं। सेट पर बहुत सारे जूनियर कलाकार थे। उन्होंने कहा, 'ठीक है, लाइट बंद है। अब शबाना जी जा रही हैं कमल डांस मास्टर को सिखाएं कि क्या कदम उठाने चाहिए। यह इतना अपमानजनक और बुरा था कि मैं सेट से भागकर बाहर गई और पाया कि मेरी कार वहां नहीं थी। रोते हुए कहा, 'मैं अब किसी भी फिल्म में काम नहीं करूंगी, मैं यह अपमान नहीं चाहती।'
कभी की थी आत्महत्या की कोशिश
शबाना आजमी ने कहा कि वह निर्देशक मनमोहन देसाई ही थे जिन्होंने घटना के बाद उन्हें गले लगाया और सांत्वना दी। बाद में नीतू कपूर को भी घटना का पता चला और उन्होंने सुलक्षणा पंडित से हस्तक्षेप करने के लिए कहा। शबाना आजमी का संघर्ष सिर्फ उनकी प्रोफेशनल लाइफ में ही नहीं था। उनकी मां शुकत ने अपनी आत्मकथा में बताया कि शबाना आजमी ने एक बार बचपन में खुद को मारने की कोशिश की थी। उन्होंने लिखा, 'वह स्कूल की लैब में गईं और कॉपर सल्फेट खा लिया। जब उनकी सबसे अच्छी दोस्त पर्णा ने उन्हें बताया कि शबाना ने उनसे कहा था कि मैं उमसे ज्यादा बाबा से प्यार करती हूं, तो मैंने निराशा में अपना माथा पकड़ लिया।'
इस फिल्म में आई थीं नजर
वैसे इन कठिनाइयों को पार कर के शबाना आजमी अब भारत की सबसे सम्मानित अभिनेत्रियों में से एक के रूप में खड़ी हैं। उन्हें आखिरी बार करण जौहर की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में देखा गया था, जो सुपरहिट रही और दुनिया भर में 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की।