Highlights
- स्मिता पाटिल एक नारिवादी एक्टिविस्ट भी थीं
- पाटिल ने हिंदी, मराठी, कन्नड़, गुजरात, मलयालम और बंगाली फिल्मों में भी काम किया था।
- 'भीगी पलके' की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेता राज बब्बर से हुई थी
Smita Patil Birth Anniversary: सांवला रंग, खूबसूरत चेहरा और बोलती हुई सुंदर सी आंखें... स्मिता पाटिल जब भी पर्दे आती तो सब उनको ही निहारते रह जाते। उन्होंने सिनेमाई दुनिया में एक अलग ही पहचान बनाई है। अपनी अदायगी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली स्मिता ने साबित किया कि फिल्मों की दुनिया में एक सांवली लड़की भी मुकाम हासिल कर सकती है। उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं, जो कई बार अलग-अलग जरूरी मुद्दों पर रहती था। आज अभिनेत्री स्मिता पाटिल के जन्मदिन के मौके पर हम उनके फिल्मी सफर के बारें में बात करेंगे।
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न्यूज एंकर के रूप में खींचा था सबका ध्यान
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को महाराष्ट्र के पुण में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवाजी राव गिरधर पाटिल, जो कि राजनीतिज्ञ थे। वहीं अभिनेत्री की मां का नाम विद्याताई पाटिल था, जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। स्मिता की प्रारंभिक शिक्षा मराठी माध्यम में संपन्न हुई थी। उन्होंने पहली बार कैमरा का सामना एक न्यूज एंकर के तौर पर किया था। स्मिता दूरदर्शन दूरदर्शन में न्यूज रीडर के रूप में नजर आई थी।
महिलाओं के मुद्दो को लेकर थी मुखर
स्मिता पाटिल एक नारिवादी एक्टिविस्ट भी थीं। वह हमेशा से विद्रोही रही और ये चीजे उनकी फिल्मों में भी साफ-साफ दिखता था। उन्होंने ज्यादातक उन फिल्मों में ही काम किया जो महिला केंद्रित थे। स्मिता सामाजिक परिवर्तन करने वाली फिल्मों में काम करने पर विश्वास रखती थी। उनकी फिल्में 'मंडी', 'मिर्च मसाला', 'अर्थ', 'मंथन' 'आखिर क्यों' और 'आज की आवाज' इसका उदाहरण है।
स्मिता पाटिल की खास बातें
अभिनेत्री स्मिता पाटिल ने हिंदी के साथ मराठी, कन्नड़, गुजरात, मलयालम और बंगाली फिल्मों में भी काम किया था। बताया जाता है कि स्मिता को जींस पहनने का काफी शौक था और एंकरिंग के दौरान जींस पर साड़ी लपेट कर चली जाती थी। दरअसल, दूरदर्शन में एंकरों को साड़ी पहनना जरूरी होता था इसलिए वह अक्सर ऐसा करती थीं। स्मिता को लेकर ये भी कहा जाता है कि वो फिल्मों को करते समय अपने किरदार में पूरी तरह डूब जाती थी।
शादीशुदा शख्स पर आया था स्मिता का दिल
फिल्म 'भीगी पलके' की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात अभिनेता राज बब्बर से हुई थी। इसी मुलाकात के बाद दोनों का इश्क परवान चढ़ा था। राज पहले से शादीशुदा थे लेकिन प्यार के आगे ये सब कहा देखा जाता है। फिर क्या था दोनों ने अपने इसी मुलाकात के बाद साथ रहने और शादी करने का फैसला कर लिया।
राज बब्बर और स्मिता पाटिल का एक बेटा भी है, जिनका नाम प्रतीक बब्बर है। प्रतीक भी अभिनेता है और फिल्मों में अपना नाम कमा रहे हैं। बता दें कि स्मिता पाटिल ने मात्र 31 की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा दिया था। 13 दिसंबर 1986 को उन्होंने आखिरी सांस ली थी।
इन अवॉर्ड्स से हो चुकी हैं सम्मानित
स्मिता पाटिल को भारत सरकार ने साल 1985 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके साथ ही 'भूमिका' जैसी फिल्में कर के वह राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम कर चुकी हैं।अभिनेत्री के सम्मान में साल 2012 में स्मिता पाटिल फिल्म फेस्टिवल डॉक्यूमेंट्रीस एंड शॉर्ट का भी आयोजन हो चुका है।
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