एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की बीते रोज देर रात सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या ने पूरे बॉलीवुड में सनसनी मचा दी। बाबा सिद्दीकी भले ही राजनेता थे, लेकिन फिल्मी दुनिया से उनका खास लगाव था। सुनील दत्त से लेकर शाहरुख खान तक सभी अभिनेता बाबा सिद्दीकी के अच्छे दोस्त थे। सरेआम हुई इस हत्या ने सभी का दिमाग हिलाकर रख दिया है। जहां बॉलीवुड इस हत्या के बाद से सदमे में है, वहीं फिल्मी सितारे भी डरे हुए हैं। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी फिल्मी इंसान की गोली मारकर हत्या की गई है। इससे पहले भी 3 फिल्मी सितारों को गोली मारकर मौत के घाट उतारा जा चुका है। इस लिस्ट में संगीत जगत के दिग्ग शामिल हैं।
1-गुलशन कुमार: बॉलीवुड में संगीत और उसकी पॉपुलरिटी को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले संगीत के मास्टर गुलशन कुमार को माना जाता है। गुलशन कुमार ने देश के कोने-कोने तक बॉलीवुड के गानों को पहुंचाया। गुलशन कुमार को ही टी-सीरीज जैसे बड़े बैनर को फर्श से अर्श तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है। लेकिन गुलशन कुमार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार सुबह उठकर मंदिर गए थे। हर रोज की तरह गुलशन कुमार ने मुंबई के जीत नजर में स्थित मंदिर में माथा टेका। गुलशन कुमार जैसे ही मंदिर से बाहर निकले तो उनकी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। गुलशन कुमार को कुल 16 गोलियां मारी गई थी।
2-सिद्धू मूसेवाला: बीते 2 साल पहले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को 29 मई 2022 को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद कला की दुनिया में अलग गुस्सा देखने को मिला था। इस हत्या के बाद सिद्धू मूसेवाला के फैन्स ने विशाल अंतिम यात्रा निकाली थी। सरेआम हुई इस हत्या ने सुरक्षा के मामले में पुलिस भी गंभीर सवाल खड़े किए थे।
3-अमर सिंह चमकीला: पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर हाल ही में नेटफ्लिक्स पर फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म को इम्तियाज अली ने बनाया था और दिलजीत दोसांझ के साथ परिणीती चोपड़ा लीड रोल में रही थी। फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था। फिल्म की कहानी पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की थी, जिसने 80 के दशक में धूम मचा दी थी। पंजाबी भाषा में सबसे ज्यादा सुने जाने वाले सिंगर अमर सिंह चमकीला की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1988 में अमर सिंह चमकीला गाने के लिए एक अखाड़े में गए थे, यहां आरोपियों ने उन्हें गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था।