
शालिनी पांडे अब साउथ का ही नहीं बॉलीवुड का भी जाना-माना नाम बन चुकी हैं। शालिनी ने कई फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिल जीते हैं। फिर चाहे हो 'अर्जुन रेड्डी' हो या फिर 'महाराज'। अपनी सभी फिल्मों में वह अपने अभिनय का लोहा मनवाने में कामयाब रहीं। इस बीच शालिनी पांडे ने हाल ही में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने अपने साथ हुई एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जिसने उन्हें बुरी तरह डरा दिया था और वह इस पर आगबबूला हो गई थीं। क्या थी वो घटना, चलिए बताते हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में शालिनी पांडे का शुरुआती एक्सपीरियंस
शालिनी पांडे ने फिल्मी ज्ञान के साथ बातचीत में इस घटना का जिक्र किया और बताया कि कैसे वह जब एक फिल्म की शूटिंग के दौरान कपड़े बदल रही थीं तो फिल्म का डायरेक्टर बिना दरवाजा खटखटाए ही उनके कमरे में घुस गया था। शालिनी के अनुसार, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में खुद को बचाने के लिए शुरुआत में ही कुछ लिमिट्स तय कर ली थीं। इसी के साथ उन्होंने इंडस्ट्री में पुरुषों के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस के बारे में भी बात की।
मैंने बुरे आदमियों के साथ भी काम किया है- शालिनी
शालिनी ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा- 'ऐसा बिलकुल नहीं है कि मैंने अपने करियर में सिर्फ अच्छे पुरुषों के साथ ही काम किया है, मैंने बुरे आदमियों के साथ भी काम किया है। मैं ऑन-स्क्रीन, ऑफ स्क्रीन और क्रू के अंदर की बात कर रही हूं। आपको बस अपनी लिमिट तय करना होता है। मैंने ऐसे पुरुष के साथ भी काम किया है जो अराजकता से भरा था। ये सच है।'
मैं पूरी तरह से आउटसाइडर हूं- शालिनी
शालिनी आगे कहती हैं- 'मैं किसी फिल्मी परिवार से नहीं आती, इसलिए शुरुआत में मुझे ज्यादा कुछ नहीं पता था। मैं पूरी तरह से आउटसाइडर हूं। मैंने इसके लिए अपने परिवार को पूरी तरह छोड़ दिया था, ऐसे में वापस जाने के लिए मेरे पास कोई नहीं था। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, कैसा होना चाहिए, ये पूछने के लिए मेरे पास कोई नहीं होता था। अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो खुशी महसूस होती है कि मैं वैसी ही थी जैसी होना चाहिए था। मैं भोली थी, लेकिन मेरी लिमिट्स बहुत सख्त थीं।'
जब शालिनी की वैन में आ घुसा डायरेक्टर
अपने साथ हुई एक घटना को याद करते हुए शालिनी ने कहा- 'करियर के शुरुआती दिनों में मैं साउथ की एक फिल्म कर रही थी। एक दिन मेरी वैन में डायरेक्टर आ गया। उसने दरवाजा खटखटाने की जरूरत महसूस नहीं की, उसने बस दरवाजा खोला और अंदर आ गया। उसने सोचा, ये लड़की है, जिसने अभी-अभी अपनी पहली फिल्म की है। आमतौर पर शुरुआत में लोग आपके साथ बहुत अच्छा और मीठा बनने की कोशिश करते हैं। बुरा ना मानने के लिए कहते हैं। लेकिन, फिर कहते हैं- नहीं तो... तुम्हें फिल्में नहीं मिलेंगी।'
डायरेक्टर के अंदर आते ही झल्ला गई थीं शालिनी
शालिनी आगे कहती हैं- 'जैसे ही वो अंदर आए, मैं चिल्ला पड़ी। मैंने कुछ सोचा नहीं, वो बस एक रिएक्शन था। मैंने चिल्ला दिया। मैं पूरी तरह से पागल हो गई थी। तब मैं 22 साल की थी। जब वो वहां से चले गए तो कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि मुझे चिल्लाना नहीं चाहिए था। लेकिन मैनर्स तो होने चाहिए। सिर्फ इसलिए कि मैं नई हूं, आप बिना दरवाजा खटखटाए नहीं आ सकते। मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते। मैं लोगों को एक गुस्सैल इंसान लगती थी, लेकिन मुझे खुद को बचाने के लिए चीजें करनी पड़ीं। बाद में मुझे समझ आया कि लोगों से लड़ने की जगह इन सब चीजों से कैसे निपटना चाहिए।'