सुपरस्टार शाहरुख खान जितने देश में पॉपुलर हैं उतने ही विदेश में भी उनके चाहने वाले हैं। विदेशों में भी शाहरुख खान की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। उनकी फिल्मों से लेकर ह्यूमर और स्टाइल के भी लाखों चाहने वाले हैं। शाहरुख की हाजिरजवाबी और अंदाज का हर कोई दीवाना है। अब एक बार फिर किंग खान ने अपने इसी अंदाज से इंटरनेशनल स्टेज पर रंग जमाया। शाहरुख ने आज यानी 19 नवंबर की सुबह दुबई एक्जीबिशन सेंटर, एक्सपो सिटी के ग्लोबल फ्रेट समिट में हिस्सा लिया, जहां वह अपने स्टारडम से लेकर बिजनेस तक के मुद्दों पर चर्चा करते दिखे। इस दौरान उन्होंने अपनी उन फिल्मों पर भी चर्चा की जो बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं।
शाहरुख खान ने स्टारडम-फेलियर पर की बात
इस इवेंट में शाहरुख खान गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। किंग खान ने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्में की हैं। मॉडरेटर से बातचीत में शाहरुख ने सिर्फ अपने स्टारडम ही नहीं अपने फेलियर पर भी बात की और बताया कि उन्होंने इससे कैसे डील किया।
असफलता पर क्या बोले शाहरुख?
लोगों को अपनी असफलताओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह करते हुए शाहरुख खान ने कहा- 'जब आप असफल होते हैं, तो आपको यह नहीं मानना चाहिए कि आपका प्रोडक्ट या सर्विस या काम गलत हो गया। हो सकता है कि आपने उस ईकोसिस्टम को गलत समझा हो जिसमें आप काम कर रहे थे। आपको यह समझना होगा कि लोग कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यदि मैं जिन लोगों को सेवा प्रदान करता हूं उनमें भावनाएं उत्पन्न नहीं कर सकता, तो मेरा प्रोडक्ट काम नहीं करेगा चाहे वह कितना भी अद्भुत क्यों न हो।'
क्या कभी खुद के काम की आलोचना की है?
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कभी-कभी अपने काम की आलोचना करते हैं, शाहरुख खान ने जवाब में कहा- 'हां, मैं हूं। मुझे इस तरह महसूस करने से नफरत है, लेकिन मैं अपने बाथरूम में बहुत रोता था। मैं इसे किसी को नहीं दिखाता था। आपको विश्वास होना चाहिए कि दुनिया आपके खिलाफ नहीं है। अगर आपकी फिल्म ने वैसा प्रदर्शन नहीं किया जैसा आपने सोचा था तो यह आपकी वजह से या किसी साजिश के कारण नहीं है। आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपने इसे बुरी तरह से बनाया है, और फिर आपको आगे बढ़ना होगा।'
जिंदगी को नहीं दे सकते दोष- शाहरुख
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी को असफलताओं से मूव ऑन करने पर कैसे ध्यान देना चाहिए। शाहरुख कहते हैं- 'निराशा के क्षण होते हैं, लेकिन ऐसे क्षण भी होते हैं जो कहते हैं- चुप रहो, उठो और आगे बढ़ो। आपको यह करना होगा क्योंकि दुनिया आपके खिलाफ नहीं है। आपको यह विश्वास नहीं करना चाहिए कि चीजें केवल आपके लिए ही गलत हो रही हैं। लाइफ चलती रहती है। जीवन वही करता है जो वह करता है। जो कुछ हो रहा है, उसके लिए आप जीवन को दोष देना शुरू नहीं कर सकते।'