Highlights
- रणवीर सिंह ने कपिल देव की तरह हूबहू लुक कैरी किया है।
- फरहान ने फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के किरदार में ढलने के लिए काफी मेहनत की थी।
1983 में विश्व कप क्रिकेट में शानदार जीत पर बनी फिल्म 83 का ट्रेलर रिलीज हुआ तो सबसे पहले लोगों का ध्यान कपिल देव बने रणवीर सिंह पर ही गया। रणवीर सिंह की मेहनत साफ नजर आ रही थी और वो हूबहू कपिल देव लग रहे थे। हालांकि बायोपिक में किरदार में ढलना ही एक्टर का काम होता है लेकिन कुछ एक्टर ऐसे आए हैं जो अपने किरदार में इस कदर ढले कि लोग तारीफ करने के लिए मजबूर हो गए। रणवीर सिंह ने कपिल देव का लुक जिस तरह कैरी किया, उनकी बोलचाल का लहजा और बॉडी लेंग्वेज अपनाई, उसे देखकर लोग वाह वाह कर रहे हैं।
चलिए ऐसे ही एक्टरों के बारे में बताते हैं जिन्होंने बायोपिक में उस किरदार में एक नई जान डाल दी और लोग एक्टर को भूलकर उस किरदार में उतर गए।
धोनी
बायोपिक की बात की जाए तो एमएस धोनी का जिक्र होना लाजमी है। स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत ने यहां धोनी की इतनी शानदार तरीके से कॉपी की कि खुद धोनी हैरान हो गए। उनकी महीनों की तपस्या, लुक, बॉडी लेंग्वेज, बातचीत इत्यादि पर सुशांत ने इतना गजब काम किया कि लोग इस फिल्म के दीवाने हो गए। इसके लिए सुशांत ने खुद धोनी को करीब से देखा और उनके साथ काम भी किया।
मिल्खा सिंह
फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी फिल्म मिल्खा सिंह में उनका किरदार फरहान अख्तर ने निभाया। फरहान ने इस किरदार में ढलने के लिए काफी मेहनत की। वैसी बॉडी बनाई, कसरती तराशा हुआ शरीर, वैसा ही चेहरा मोहरा और वैसी ही भाषा। उन्होंने मिल्खा के किरदार को जिस शिद्दत से जिया, लोग वाकई फिर से मिल्खा को सलाम करने लगे और मिल्खा खुद फरहान अख्तर की तारीफ करने के लिए मजबूर हो गए।
बोस
स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर बनी फिल्म में राजकुमार राव ने बोस का किरदार निभाया। राजकुमार राव जैसी कदकाठी वाले इंसान के लिए ये एक चैलेंज से कम नहीं था। लेकिन वो इसमें इतने परफेक्ट लगे कि बिलकुल सुभाष चंद्र बोस जैसे दिखे। उनकी मेहनत की तारीफ की गई और लोगों को बोस की बायोपिक में बोस ही देखने को मिले।
अरुण गवली
मुंबई के गैंगस्टर रह चुके अरुण गवली के जीवन पर बनी फिल्म अरुण गवली में गवली का किरदार निभाया था अर्जुन रामपाल ने। डैशिंग और स्मार्ट हीरो अर्जुन रामपाल के लिए ठेठ गैंगस्टर लगना मुश्किल था लेकिन उनकी मेहनत और मेकअप ने काम आसान कर दिया। जब फिल्म का पहला पोस्टर आया तो लोग गवली के किरदार में दिख रहे अर्जुन रामपाल को पहचान नहीं पाए औऱ काफी कोशिश करने के बाद ही जेहन में आया।
गांधी
बायोपिक का मुख्य चलन 1930 में आई फिल्म गांधी से ही कहा जाए तो सही होगा। ब्रिटिश कलाकार बेन किंग्सले ने इस फिल्म में गांधी का किरदार निभाया था। इस रोल में गांधी के रूप में आने के लिए किंग्सले ने काफी मेहनत की और फिल्म को काफी सराहा गया। तब से अब तक गांधी जी पर कई फिल्में आई हैं लेकिन बेन किंग्सले जैसा गांधी किसी को नहीं दिख पाया।
फूलन देवी
दस्यु सुंदरी फूलन देवी के जीवन पर बनी फिल्म बैंडिट क्वीन में सीमा बिस्वास ने फूलन का किरदार निभाया। सीमा बिस्वास ने महीनों तक बीहड़ों में फूलन के किरदार को जिया। फूलन बनना उनके लिए चुनौती थी और दूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी कि फूलन जैसे अत्याचार को अपने किरदार पर सहना। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की और उनकी ये मेहनत सफल हुई जब फिल्म में उनके किरदार की तारीफ हुई।
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