Raju Srivastava: राजू श्रीवास्तव इन दिनों अपने मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। बता दें वह अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे। उन्हें 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया। राजू को अभी वेंटिलटर के सपोर्ट में रखा गया है। वहीं कॉमेडियन की हालात धीरे-धीरे ठीक हो रही है। राजू श्रीवास्तव ने अपनी असल जिंदगी में भी कईं उतार चढ़ाव देखे लेकिन, इसके बावजूद उनकी पत्नी शिखा ने उनका कभी साथ नहीं छोड़ा। आज हम आपको बताते हैं कि गजोधर भैया को अपना प्यार पाने के लिए इतना पापड़ बेलने पड़े।
बता दें राजू श्रीवास्तव का जन्म कानपुर में 25 दिसम्बर 1963 को हुआ था। वहीं एक इंटरव्यू के दौरान राजू ने बताया था कि, कैसे 12 साल के इंतजार के बाद उन्हें उनका प्यार मिला था। राजू श्रीवास्तव ने अपने गजोधर भैया वाले किरदार से सबके चेहरे पर हंसी लाई है। बता दें सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव असल जिंदगी में काफी रोमांटिक थे। उनकी लव स्टोरी किसी फिल्मी लव स्टोरी से कम नहीं है। उन्होंने अपने प्यार को पाने के लिए 12 साल का इंतजार किया था और हां जबतक उनको उनका प्यार नहीं मिला वो उसके लिए प्रयास करते रहे।
शिखा की छानबीन
एक इंटरव्यू के दौरान राजू श्रीवास्तव ने कहा था कि पहली ही नजर में उनको शिखा से प्यार हो गया था। राजू और शिखा की पहली नजरे उनके भाई की शादी में मिली थी। वह पहली ही नजर में ही अपना दिल दे बैठे थे, लेकिन शिखा का मिलना उनके लिए कोई मामूली बात नहीं थी इसके लिए उन्हे बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ा। नजर मिलने के बाद राजू को रात-दिन शिखा का ही ख्याल आने लगा। जिसके बाद वो जल्दी से जल्दी शिखा को अपना बनाना चाहते थे। राजू ने इंटरव्यू में ये भी खुलासा किया था कि वह शिखा की छानबीन करने लगे थे तब उन्हें जानकारी हुई थी कि शिखा का घर इटावा में है और शिखा उनके भाभी के चाचा की बेटी हैं। ये मालूम होते ही धीरे-धीरे उन्होंने शिखा के बारे में सारी बातें पता करना शुरू कर दिया।
1993 में शादी के बंधन में बंधे
राजू ने किसी तरह अपने भाई को इस बारे में जानकारी दी। राजू शिखा से शादी करने से पहले कुछ अच्छा करना चाहते थे ताकि जब शिखा के घर वाले राजू के बारे में पता करें तब तक राजू कुछ नाम हासिल कर लें। इसके बाद साल 1982 में वह अपनी किस्मत आजमाने सपनों के शहर मुंबई पहुंचे। जहां उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपना नाम कमाया। उस दौरान राजू शिखा को लव लेटर भेजा करते थे। तब उनको ये भी चिंता सताने लगी कि कहीं शिखा के घरवाले उनकी कहीं और शादी न करा दें। राजू अपने परिवार वालों को कह कर शिखा के घर रिश्ता भिजवाया। रिश्ता भिजवाने के बाद शिखा के परिवार वाले राजू का घर देखने मुंबई गए इसके बाद सारी तसल्ली होने के बाद 17 मई 1993 को दोनों शादी के बंधन में बंधे।
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