भारतीय सिनेमा के इतिहास में जब भी सुपरस्टार का नाम लिया जाता है तो जुबां पर सबसे पहले एक ही नाम आता है राजेश खन्ना। 'काका' हिंदी फिल्म जगत के पहले सुपरस्टार कहलाए। अपनी एक्टिंग, स्टारडम और दू टूक बातों के लिए जाने जाने वाले राजेश खन्ना ने भारतीय सिनेमा को नए आयाम तक पहुंचाया। अपने लंबे और सफल करियर में राजेश खन्ना ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन फैंस के दिलों पर उनका राज कभी खत्म नहीं हुआ। अपने अभिनय के दम पर आज भी वो लोगों के पसंदीदा हैं। 'आराधना', 'आनंद', 'अमर प्रेम', 'कटी पतंग' और 'हाथी मेरे साथी' जैसी फिल्मों की लंबी लिस्ट है जिसमें राजेश खन्ना के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। आज राजेश खन्ना की पुण्यतिथि है, 18 जुलाई 2012 को राजेश खन्ना ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन उनके कल्ट कलासिक डायलॉग आज भी लोगों को जिंदगी की सीख दे रहे हैं।
फिल्मों के लिए था राजेश खन्ना का अटूट प्यार
एक्टिंग और चार्म से लोगों का दिल जीतने वाले राजेश खन्ना को भारतीय सिनेमा ने बेशुमार सफलता, फैन फॉलोइंग, दौलत और एक सफल राजनीतिक करियर भी दिया। चंद फिल्मों के बाद ही उनका स्टारडम इस कदर बढ़ा की वो सुपरस्टार बन गए। फिल्मों के प्रति राजेश खन्ना का प्यार आज भी अमर है। अपनी अंतिम सांस लेते हुए भी उन्होंने दो आखिरी शब्द फिल्म जगत से जुड़े हुए ही कहे और ये उनका फिल्मों के प्रति प्यार जाहिर करता है। इसका खुसाला किसी और ने नहीं बल्कि 'आनंद' के सच्चे दोस्त 'बाबू मोशाय' ने ही किया था।
अमिताभ ने की राजेश के साथ करियर की शुरुआत
अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत राजेश खन्ना के साथ ही की। उन्होंने फिल्मों में आने के बाद राजेश खन्ना के साथ 'आनंद' और 'नमक हराम' जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। दोनों के बीच गहरी दोस्ती भी रही। काका के निधन के बाद अमिताभ बच्चन उन्हें देखने पहुंचे थे और इसी दौरान उन्होंने खुलासा किया, जिसमें राजेश के आखिरी दो शब्द बताए। राजेश खन्ना के निधन के बाद अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में काका का जिक्र किया और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि जब वो उनकी अंतिम विदाई में शामिल हुए तो उन्हें उन दो आखिरी शब्दों का पता चला।
अमिताभ ने बताए आखिरी दो शब्द
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा, '...जब मैं आज दोपहर उनके घर पर श्रद्धांजलि देने बैठा तो उनके निधन की खबर सुनने के तुरंत बाद उनके एक करीबी व्यक्ति मेरे पास आए और रुंधे हुए गले के साथ मुझे बताया कि उनके आखिरी शब्द क्या थे - 'समय हो गया है! पैक अप!।'' अमिताभ बच्चन की ये बात आपको जरूर 'आनंद' फिल्म की याद दिलाएगी। इस फिल्म में भी काका ने अंतिम वक्त पर सिर्फ दो शब्द कहे थे 'बाबू मोशाय'। इसके बाद ही आनंदी की ट्रैजिक मौत दिखाई गई थी।
बनाया कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड
राजेश खन्ना की फिल्मी विरासत की बात करें तो वो सदा के लिए जिंदा रहेगी और उसे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सेलिब्रेट करती रहेगी। उनके डायलॉग, उनकी मुस्कान, और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों को छू जाते हैं, कुछ इमोशनल करते हैं, कुछ चेहरे पर मुस्कान लाते हैं तो जीवन की अनमोल सीख भी देते हैं। बॉक्स ऑफिस हिट के साथ क्लासिक फिल्में देने वाले राजेश खन्ना एक लौते एक्टर हैं। साल 1966 में 'आखिरी खत' से उन्होंने करियर की शुरुआत की। 1970 के दशक में राजेश खन्ना का जादू इस कदर चला कि फिल्में रिलीज होते ही सुपरहिट की लिस्ट में शामिल हो जाती। एक साथ 15 सुपरहिट देने वाले राजेश को आज तक कोई इस मामले में पीछे नहीं छोड़ पाया है।