अगर आप फिल्मों के शौकीन हैं तो जाहिर सी बात है कि सिनेमाहॉल जाकर फिल्मों और पॉपकॉर्न का लुत्फ उठाते ही होंगे। जैसे ही इंटरवल होता है, दर्शक अपनी-अपनी सीट छोड़कर पॉपकॉर्न और स्नैक्स लेने के लिए उठ जाते हैं। लेकिन, क्या हो अगर किसी फिल्म में इंटरवल ही ना हो? जी हां, ऐसी कुछ फिल्में बनी हैं, जिन्हें बड़े पर्दे पर बिना इंटरवल के ही रिलीज किया गया। लेकिन क्या आप उस पहली हिंदी फिल्म के बारे में जानते हैं, जिसमें ना तो इंटरवल था और ना ही गाना? नहीं, तो चलिए हम आपको इस फिल्म के बारे में बताते हैं।
बिना इंटरवल और बिना गाने वाली पहली हिंदी फिल्म
हम यहां जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, वह साल 1969 में रिलीज हुई 'इत्तेफाक' है। राजेश खन्ना स्टारर इस फिल्म में ना तो कोई गाना था और ना ही इंटरवल और तो और 1 घंटे 40 मिनट लंबी ये फिल्म सुपरस्टार को भी'इत्तेफाक' से ही मिली। क्योंकि, पहले इस फिल्म के हीरो विनोद खन्ना बनने वाले थे। लेकिन, विनोद खन्ना ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया और ऐसे ये फिल्म राजेश खन्ना की झोली में आ गिरी और लगातार उनके करियर की तीसरी हिट साबित हुई।
जब खराब हो गई सायरा बानो की तबीयत
बात तब की है जब यश चोपड़ा ‘आदमी और इंसान’ बना रहे थे। फिल्म में धर्मेंद्र, फिरोज खान, सायरा बानो और मुमताज जैसे कलाकार थे। फिल्म की शूटिंग बहुत बड़े पैमाने पर चल रही थी। लेकिन, इसी बीच सायरा बानो की तबीयत अचानक खराब हो गई। ऐसे में फिल्म की शूटिंग भी रुक गई। मेकर्स ने जैसे-तैसे फिल्म के कलाकारों को मनाया और डेट्स बदल दी गईं, लेकिन टेक्नीशियन्स तो जैसे खाली बैठ गए। इस परिस्थिति में चोपड़ा बंधुओं को एक तरकीब सूझी और आनन-फानन में एक फिल्म बनाने का फैसला लिया।
इत्तेफाक से बनी 'इत्तेफाक'
फिल्म की कहानी की तलाश चल ही रही थी कि इसी बीच यश चोपड़ा ने एक गुजराती नाटक ‘धुम्मस’ देखा। उन्हें ये नाटक बहुत अच्छा लगा और वह बीआर चोपड़ा और स्टोरी डिपार्टमेंट को लेकर फिर ये नाटक देखने पहुंच गए। सभी को फिल्म की कहानी पसंद आई। पता चला नाटक अंग्रेजी फिल्म ‘साइनपोस्ट टू मर्डर’ पर आधारित है। तब तक यश चोपड़ा इस पर फिल्म बनाने का फैसला ले चुके थे। उन्होंने 1 हफ्ते में फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार कर डाली और फिर 28 दिन में शूटिंग भी कर डाली।
राजेश खन्ना-नंदा की जोड़ी हुई हिट
इत्तेफाक में राजेश खन्ना के साथ नंदा की जोड़ी जमी और दोनों ने अपनी अदाकारी से सिनेमाघरों में फैंस को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। ये फिल्म कई मायनों में अहम, खास और अलग रही। इसी फिल्म के बाद यश चोपड़ा ने अपनी खुद की कंपनी यशराज फिल्म्स की नींव डाली और फिर राजेश खन्ना को लेकर उन्होंने पहली फिल्म 'दाग' भी बनाई, जो बड़ी हिट साबित हुई थी।