अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने लुक्स और स्टाइल को भी लेकर चर्चा में रहने वाले एक्टर्स में से एक हैं प्रतीक बब्बर। 'दम मारो दम', 'धोबी घाट', 'आरक्षण', 'बागी 2', 'छिछोरे' और 'दरबार' जैसी शानदार फिल्मों में काम कर चुके प्रतीक ने न सिर्फ अपनी फिल्मों से, बल्कि फिटनेस से भी लोगों को अपना मुरीद बनाया है। लेकिन आपको बता दें कि प्रतीक ने अपनी ज़िन्दगी में काफी उतार -चढ़ाव देखे हैं। अपनी मां और एक्ट्रेस स्मिता पाटिल के निधन से वो इस कदर टूट गए थे कि वो ड्रग के आदी हो गए थे। मां के दुःख में प्रतीक अपने पिता राज बब्बर से नफरत करने लगे थे। नफरत का असर कुछ ऐसा हुआ कि प्रतीक ने अपने नाम के आगे से पिता का सरनेम तक हटा लिया था।
जन्म होते ही मां को खो दिया
28 नवंबर 1986 में पैदा हुए प्रतीक अपनी ज़िन्दगी में कई मुश्किल परेशानियों का सामना कर चुके हैं। भले ही वो एक फिल्मी परिवार से आते हैं लेकिन उन्होंने ज़िंदगी में कुछ कम मुश्किलें नहीं झेली है। बचपन में ही प्रतीक के सिर से मां स्मिता पाटिल का साया उठ गया था। जिस वक़्त एक बच्चे को अपनी मां के आंचल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है उस वक़्त प्रतीक ने अपनी मां को खो दिया था। क्योंकि प्रतीक के जन्म के कुछ दिन बाद ही स्मिता का निधन हो गया।
मां के निधन से टूट गए थे प्रतीक
जन्म के बाद इंफेक्शन की वजह से स्मिता के एक के बाद एक अंग फेल होते गए और इन्फेक्शन के बढ़ने के बाद अंत में वो काल के गाल में समां गईं थीं। मां के निधन के बाद नन्हें से प्रतीक की परवरिश उनकी नानी मां ने की थी। प्रतीक की मां महज़ 31 साल की उम्र में स्मिता यह दुनिया छोड़कर चली गई थीं। प्रतीक अपनी मां के निधन के बाद बुरी तरह टूट गए थे। मां के जाने के बाद प्रतीक को इस कदर गहरा सदमा लगा था कि उन्हें ड्रग्स की लत लग गई थी। वो बुरी तरह ड्रग के शिकार हो गए थे जिससे वो बाहर नहीं आ पा रहे थे।
ड्रग्स की लत ने रिहैब सेंटर पहुंचाया
जब प्रतीक ने ड्रग्स लेना शुरू किया था तो उस समय मात्र 12 साल के थे। उस वक्त वो ड्रग्स की इस कदर चपेट में थे कि बिना ड्रग्स के वो रह ही नहीं पाते था। इस बुरी आदत को छुड़ाने के लिए उन्हें दो बार रिहैब सेंटर तक जाना पड़ा था। जिसके बाद उनकी हालत सुधरी थी। मां के निधन ने प्रतीक को सिर्फ ड्रग्स ही नहीं बल्कि अपने पिता से भी नफरत का रिश्ता जोड़ दिया था। अपने पिता से वो दूर होने लगे थे। वो अपने पिता से नाराज रहने लगे थे। इस बात का खुलासा खुद प्रतीक ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि ‘मेरे पिता के पास मेरे लिए वक्त नहीं था। सब लोग मुझे मेरी मां की कामयाबी की कहानी सुनाते थे, लेकिन मुझे हमेशा से यही लगता था कि मां मेरे साथ क्यों नहीं है। आलम ये था कि प्रतीक की अपने पिता से इतनी दूरुी बढ़ गई थी कि उन्होंने अपने नाम के आगे से बब्बर सरनेम हटा दिया था। हालांकि वक़्त के साथ उनके और पिता राज बब्बर के साथ रिश्ते बेहतर हो गए थे। साथ ही स्मिता पाटिल के बाद उनकी दूसरी मां और सौतेले भाई-बहन से भी रिश्ते बेहतर हो गए।
मां को इस तरह दिल के करीब रखते हैं प्रतीक
बताते चलें कि प्रतीक आज भी अपनी मां को अकसर याद करते हैं। कुछ समय पहले ही प्रतीक ने अपनी मां स्मिता पाटिल की याद में सीने पर उनके नाम का 'टैटू' करवाया था। प्रतिक ने बताया था कि वो हमेशा से अपनी मां के नाम का टैटू करवाना चाहते थे। इस बारे में बात करते हुए प्रतीक ने बताया था कि ‘कई सालों से मैं इसके बारे में सोच रहा था।अब यह सही लग रहा है। उनका नाम बिल्कुल उसी जगह लिखवाया है, जहां होना चाहिए, मेरे दिल पर। 1955 उनके जन्म का साल है और वो हमेशा मेरे साथ रहेंगी।’ वहीं प्रतीक इंस्टाग्राम पर अक्सर स्मिता पाटिल की तस्वीरें शेयर करते रहते हैं। स्मिता पाटिल ने राज बब्बर के साथ शादी की थी। लेकिन अफसोस बेटे को जन्म देने के 2 हफ्ते बाद ही 13 दिसंबर 1986 को स्मिता पाटिल का निधन हो गया था।
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