फिल्म 'तुझे मेरी कसम' (2003) से फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने वाले रितेश देशमुख किसी पहचान के मोहताज नहीं है। वह बॉलीवुड के उन एक्टर्स में से एक हैं जो राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। विलासराव देशमुख के बेटे बॉलीवुड में आने से पहले आर्किटेक्ट बनना चाहते थे, लेकिन उनकी किस्मत में कुछ ओर ही लिखा था और वो एक्टर बन गए। हिंदी से लेकर मराठी सिनेमा तक रितेश ने अपनी वर्सेटाइल एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीतने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी है। इतना ही नहीं रितेश मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज के बोर्ड सदस्य भी हैं। स्क्रीन पर कॉमेडी से लेकर रोमांटिक हीरो तक का किरदार निभा चुके रितेश देशमुख 17 दिसंबर को अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं।
राजनीति छोड़ बना सुपरस्टार
रितेश ने मुंबई के कमला रहेजा कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर से आर्किटेक्ट में डिग्री भी ली है, लेकिन कुछ समय बाद उनका मन बदल गया और उन्होंने एक्टिंग करने का फैसला कर लिया। रितेश देशमुख को उनकी डेब्यू फिल्म से नहीं बल्कि 'मस्ती' से असली पहचान मिली थी। इस फिल्म में उनके कॉमेडी रोल को बहुत पसंद किया गया और उसके बाद वह कई फिल्मों में अलग-अलग तरह के रोल में नजर आए, जिसने लोगों को उनका दीवाना बना दिया। एक्टिंग के अलावा वह एक फिल्म मेकर भी है। रितेश ने 2013 में अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था। महाराष्ट्र के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे ने राजनीति छोड़ ग्लैमर की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
हिंदी से मराठी सिनेमा तक है दबदबा
रितेश देशमुख ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत फिल्म 'तुझे मेरी कसम' (2003) से की और तब से उन्होंने 'मस्ती' (2004), 'क्या कूल हैं हम' (2005), 'ब्लफमास्टर' 'मालामाल वीकली' (2006), 'हे बेबी' (2007), 'धमाल' (2007), 'हाउसफुल' (2010), 'डबल धमाल' (2011), 'हाउसफुल 2' (2012), 'क्या सुपर कूल हैं हम' (2012), 'ग्रैंड मस्ती' ( 2013), 'हाउसफुल 3' (2016), 'टोटल धमाल' (2019), 'हाउसफुल 4' (2019) और 'बागी 3' (2020) जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया है। रोमांटिक थ्रिलर 'एक विलेन' (2014) में उनका नया लुक देखने को मिला, जिसमें वह सीरियल किलर के किरदार में नजर आए। इस रोल में उन्हें खूब पसंद भी किया गया था।
मराठी सिनेमा में भी उनका जलवा देखने को मिला है। रितेश देशमुख ने 'बालक-पालक' (2013) के साथ एक निर्माता के रूप में शुरुआत की। वहीं एक्शन फिल्म 'लय भारी' (2014) के साथ मराठी अभिनय की शुरुआत की और 'वेद' (2022) के साथ निर्देशन की शुरुआत की।