मशहूर गजल गायक पंकज उधास आज अगर इस दुनिया में होते तो अपना 73वां जन्मदिन मना रहे होते। लेकिन, गजल की दुनिया में अपने नाम का परचम लहराने वाले पंकज उधास ने इसी साल 26 फरवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। गजल गायक लंबे समय से पैंक्रियाटिक कैंसर से लड़ रहे थे। पंकज उधास भले ही इस दुनिया में ना हों, लेकिन उनकी गजलें और आवाज आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा रहेंगे। वैसे तो पंकज उधास के कई गाने और गजलें मशहूर हैं, लेकिन संजय दत्त की फिल्म 'नाम' में गाया उनका गाना 'चिट्ठी आई है' की पॉपुलैरिटी अलग ही लेवल पर है।
महबूब स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गया था चिट्ठी आई है
पंकज उधास ने 'चिट्ठी आई है' मशहूर 'महबूब स्टूडियो' में रिकॉर्ड किया था। इस गजल को आनंद बख्शी ने लिखा था और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इसे कंपोज किया था। ये गजल आज भी लोगों के बीच खूब पॉपुलर हुआ। आज भी लोग इस गाने को सुनकर इमोशनल हो जाते हैं। लेकिन, ये आम लोगों के साथ ही नहीं है। पंकज उधास ने खुद 2019 में खुलासा किया था कि, जब इस गाने की रिकॉर्डिंग हो रही थी तो स्टूडियो में मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई थीं। राज कपूर भी गाने को सुनकर रोने लगे थे।
राज कपूर हो गए थे इमोशनल
राज कपूर ये गाना सुनकर इतना इमोशनल हो गए थे कि उनकी आंखों में आंसू आ गए और गाना सुनते ही उन्होंने भविष्यवाणी कर दी थी कि ये गाना बहुत बड़ा हिट साबित होने वाला है। पंकज उधास ने एक इंटरव्यू में कहा था- 'ये गाना महबूब स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गया था। इस गाने को लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने कंपोज किया था और आनंद बख्शी साहब ने लिखा था। आम तौर पर रिकॉर्डिंग के वक्त आर्टिस्ट के परिवार के लोग नहीं होते, लेकिन जब ये गाना रिकॉर्ड हुआ उस दिन इत्तेफाकन चीजें अलग थीं।'
सलीम खान थे 'नाम' फिल्म के लेखक
'जब ये गाना रिकॉर्ड किया जा रहा था लक्ष्मीकांत जी की पत्नी और मरे दोनों बड़े भाई स्टूडियो में मौजूद थे। नाम फिल्म के लेखक सलीम साहब थे। वो भी गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान स्टूडियो में ही मौजूद थे। गाना जब ओके हुआ तो मुझे बुलाया गया कि गाना सुनिए। सभी खड़े थे और उनकी शक्ल देखकर लग रहा था जैसे ये उन्हें पसंद नहीं आया। जब गाना प्ले किया तो मुझे अहसास हुआ कि सबकी आंखें नम थीं। तब मुझे एहसास हुआ कि इस गाने में कुछ तो बात है। इस गाने ने सबको इमोशनल कर दिया और ऐसा ही बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर साहब के साथ भी हुआ।'