बॉलीवुड के शानदार अभिनेता पंकज त्रिपाठी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अपने छोटे से रोल से भी लोगों पर छाप छोड़ने के बाद अब पंकज अकेले के दम पर फिल्में चलाने लगे हैं। अपने स्क्रीन प्रेसेन्स से पंकज त्रिपाठी बहुत सहज और सरल तरीके से हर किरदार को अपना बना लेते हैं। 'रन' फिल्म में 'कौआ बिरयानी' वाले अपने छोटे से रोल से लेकर ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में सुल्तान कुरैशी के किरदार से उन्होंने दर्शकों का इस कदर दिल जीता कि उन्हें फिल्मों में बड़े, टिकाऊ और दमदार किरदार मिलने लगे। अपने हर रोल को यादगार बनाने वाले पंकज त्रिपाठी अब लोकप्रिय शो 'आप की अदालत' के कटघरे में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का सामना करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने अपनी पुरानी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के अपने किरदार पर बात की।
गैंगस्टर करने लगे थे अप्रोच
रजत शर्मा ने सवाल किया, 'ये सच है कि जब आप 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' कर रहे थे, सुल्तान का रोल प्ले कर रहे थे तो कुछ गैंगस्टर ने आपको अप्रोच किया था।' इसके जवाब में पंकज ने कहा, 'आपको कैसे मालूम? अच्छा आपका काफी हद तक मतलब उस बात से है। उस समय बहुत सारे साउथ के, नॉर्थ के, इंडिया के, इधर-उधर के गैंगस्टर मुझे आइडियल मानने लगे थे। हां, उन्हें लगता था जो सुल्तान बोलता है, वही करता है। पूरी फिल्म में और कैरेक्टर का कहीं गड़बड़ नहीं है। वो चरित्र का सबसे सही व्यक्ति है। तो लोग काफी पसंद करने लगे थे। कई राइटर आते थे कहानी सुनाने तो डरते थे कि पता नहीं कैसे चाकू निकाल दे।'
जब पंकज ने की मनमानी
इससे ठीक पहले रजत शर्मा ने कहा, 'पंकज जी आपके एक्टिंग करियर को देखते हैं तो आप अच्छे से अच्छे रोल को बदल देते हैं। अपनी मर्जी से करते हैं? मैं एक एक करके एग्जांपल आपको बताता हूं। आप एक डेली सोप कर रहे थे, उसमें विलेन का रोल कर रहे थे और उस समय गैंग्स ऑफ वासेपुर का रोल मिला। क्रूशियल सीन था। उसको छोड़कर आप गायब हो गए और गैंग्स ऑफ वासेपुर में काम करने चले गए। मनमानी तो की आपने?'
कोई तो है जो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में...
इस सवाल के जवाब में पंकज त्रिपाठी ने कहा, 'हां जी, कोई तो है जो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मनमानी कर लेता है। नहीं वो डेली सोप में क्या होता है कि आपका कमिटमेंट बहुत ज्यादा लग जाता है। समय और सब मैनेज होता है। कुछ नहीं कर करना क्या था सर? डेली सोप में पांच दिन ड्रामा करते हैं। छठे दिन रोज 20 मिनट में 18 मिनट ड्रामा और फिर फ्रीज कर दो। एक हाई पॉइंट बनाकर... मैं बोला डेट मैनेज कर लो। एक बड़ी फिल्म मिली है। माने ही नहीं। मैंने कहा मुझे निकाल दो, मैं जा रहा हूं फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' करने। तो उसने बोला कि अरे तुम विलेन हो, हीरोइन की शादी होने वाली, तुम नहीं रहोगे तो रोकेगा कौन? मैं बोला मैं हीरोइन की शादी रोकने के लिए रहूं। मैं अपना करियर न देखूं.... तो मैं निकल गया था। फिर उन्होंने मेरे भाई से रुकवा दी शादी ...तो टीवी में हो जाता है। कुछ भी कर सकते हैं टीवी में दिखा सकते हैं कि उनको कहीं डिटेन कर दिया पुलिस ने। अगले एपिसोड में आकर फिर ज्वाइन कर लेता है एक्टर।'
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