बॉलीवुड की सुपरस्टार रहीं नूतन वो अभिनेत्री हैं, जिन्हें उनकी खूबसूरती और दमदार अभिनय के लिए लोगों से खूब प्यार मिला है। कई फिल्मों में उन्होंने अपनी शहद जैसी मधुर आवाज में भजन गा कर भी लोगों का दिल जीत लिया था। उस दौर की मल्टी टैलेंटेड एक्ट्रेस में से एक नूतन अपनी लव लाइफ को लेकर भी खूब चर्चा में रही हैं। इतना ही लोग उन्हें 50 के दशक में हिंदी सिनेमा की फीमेल सुपरस्टार कहते थे। नूतन 50 से 60 के दशक की सुपरस्टार रही हैं और 5 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं। इतना ही नहीं नूतन भारत की मिस इंडिया भी रह चुकीं। बहुत काम लोग जानते हैं कि हमेशा मुस्कुराते रहने वाली नूतन ने आखिरी सांस तक फिल्मों में काम किया।
50 के दशक में बनीं सुपरस्टार
'सीमा', 'सुजाता', 'बंदिनी', 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से छाप छोड़ने वाली अभिनेत्री नूतन की तरह उनके बेटे मोहनीश बहल भी बॉलीवुड के बड़े स्टार्स की लिस्ट में शामिल हैं जो सलमान खान के साथ फिल्मों में काम कर चुके हैं। खास बात ये है कि नूतन ने वुमन सेंट्रिक रोल वाली फिल्मों काम कर सिर्फ अपनी पहचान ही नहीं बनाईं बल्कि महिलाओं के प्रति लोगों की सोच भी बदल दी। नूतन अपने दौर की एकमात्र ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्हें 40 साल की उम्र में भी लीड रोल ऑफर करने के लिए ऑफर दिए जाते थे। इतना ही नहीं हिंदी फिल्मों में स्विमसूट पहनने वाली भी वो पहली अभिनेत्री थीं, जिसके बाद कई एक्ट्रेस को उनको फॉलो करते देखा। उन्होंने अपनी कई हिट फिल्मों के दम पर 50 के दशक में इतना नेम फेम कमाया था जो हमारी सोच से भी परे है।
मां ने बनाया स्टार फिर भी दर्द में रही एक्ट्रेस
नूतन की मां शोभना समर्थ ने उन्हें एक्ट्रेस बनाने के लिए कहा था। लोगों शोभना को ताना देते थे कि उनकी बेटी कभी टॉप अभिनेत्री की लिस्ट में जगह नहीं बना सकती है, लेकिन सबके मुंह पर तब ताला लग जाएगा जब 14 साल की उम्र में नूतन ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म 'नल दमयंती' के जरिए फिल्मी दुनिया में कदम रखा। 1950 में शोभना समर्थ ने नूतन के लिए 'हमारी बेटी' नाम की फिल्म बनाई। इसके बाद नूतन 1951 में फिल्म 'नगीना' में नजर आईं। दो सितारों से रिश्ता टूटने के बाद 1959 में नूतन को इंडियन नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी की थी। नूतन का स्टारडम ऐसा था कि शादी के बाद भी उनका वह छाई रहती थीं। 1990 में नूतन को ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ, जिसके बाद 21 फरवरी, 1991 को 54 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली थी। इस दौरान भी उन्होंने दर्द में होते हुए भी दो फिल्मों की शूटिंग की, जिनका नाम 'गर्जना' और 'इंसानियत' थीं। उस समय उन्होंने अकेला इस दर्दनाक वक्त से लड़ाई की थी।