प्रसिद्ध आर्ट डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिजाइनर नितिन चंद्रकांत देसाई बुधवार को निधन हो गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार देसाई ने बुधवार सुबह अपने एनडी. स्टूडियो में आत्महत्या कर ली। सूत्रों ने बताया की नितिन देसाई ने ऑडियो रिकॉर्ड करने के बाद आत्महत्या की। इस रिकॉर्डिंग में नितिन ने आत्महत्य की वजह के साथ ही बताया कि किसकी वजह से वो ऐसा करने के लिए मजबूर हुए। नितिन देसाई द्वारा रिकॉर्ड किया गए ऑडियो में उन्होंने एडलवाइस कंपनी के अलावा किसी और को दोषी नहीं ठहराया है। ऑडियो क्लिप में उन्होंने बताया कि कैसे एडलवाइस कंपनी की वजह से नितिन देसाई खुद मुसीबत में फंस गए और कैसे उन्हें धोखा मिला। इसके साथ ही उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
नितिन देसाई की सरकार से की अपील
नितिन देसाई ने राज्य सरकार से भावुक अपील की है। इसमें नितिन देसाई कहते हैं, 'यह स्टूडियो बहुत मेहनत और बहुत सारे सपनों से बना है। जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करने और उनसे पार पाने के बाद मैंने यह स्टूडियो स्थापित किया। जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आए, सफलताएं और असफलताएँ, मैंने सब पचा लिया। यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है।'
एडलवाइस कंपनी की कार्यप्रणाली पर जताई आपत्ति
देसाई ने एडलवाइस कंपनी की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा राज्य सरकार को इस स्टूडियो को बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मेरे या मेरे परिवार के लिए नहीं, बल्कि नए कलाकारों के हित के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए और स्टूडियो को अपने कब्जे में लेना चाहिए.' देसाई ने अपने ऑडियो क्लिप में कहा है कि स्टूडियो को संबंधित कर्ज देने वाली वित्तीय संस्था को नहीं सौंपा जाना चाहिए क्योंकि इस स्टूडियो के माध्यम से कई नए कलाकार सामने आएंगे।
क्या है देसाई द्वारा बनाए गए धनुष-बाण की प्रतिकृति का अर्थ?
नितिन देसाई ने मौत से पहले बताया, 'कई कठिनाइयों का सामना करते हुए, मैंने एनडी स्टूडियो से यह शिवधनुष रखा। अब तक मुझे यह शिवधनुष प्राप्त हुआ है, लेकिन अब ये मुश्किल होता जा रहा है। मैंने इस मुसीबत से बाहर निकलने की पूरी कोशिश की, लेकिन नहीं निकल सका। तो अब रुकने का समय आ गया है।'
धनुष-बाण को लेकर ये है लोगों का कहना
कला निर्देशक नितिन देसाई द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक ऑडियो क्लिप में वह बार-बार यह कहते नजर आ रहे हैं कि वह अब तक स्टूडियो का धनुष संभालते रहे, लेकिन अब यह संभव नहीं रह गया था। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि जिस स्थान पर उन्होंने फांसी लगाई थी, उसके नीचे बने धनुष-बाण का यही अर्थ है। उन्होंने धनुष-बाण की नोक पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
खारिज हो गई थी नितिन देसाई की अपील
बता दें, 1 अगस्त को नितिन देसाई दिल्ली गए जहां उन्होंने दिल्ली में एनसीएलटी कोर्ट की प्रधान पीठ के समक्ष अपील दायर की। मुंबई एनसीएलटी अदालत द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई के आदेश के बाद शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन दिल्ली एनसीएलटी कोर्ट ने बॉम्बे कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और नितिन देसाई की अपील याचिका खारिज कर दी। 1 अगस्त को कोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद नितिन देसाई देर रात मुंबई लौट आए और एनडी स्टूडियो में आत्महत्या कर ली.
180 करोड़ का था कर्ज
नितिन देसाई ने एक वित्तीय संस्थान से 180 करोड़ का कर्ज लिया था जो अब ब्याज सहित 250 करोड़ हो गया है। एडलवाइस कंपनी इस कर्ज की वसूली के लिए लगातार कोशिश कर रही थी। एडलवाइस कंपनी ने कर्ज वसूलने के लिए एनसीएलटी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और रायगढ़ कलेक्टर को एक प्रस्ताव भी सौंपा। इस प्रस्ताव में यह प्रस्तावित किया गया था कि एनडी स्टूडियो की जो जमीन नितिन देसाई ने लोन लेते वक्त गिरवी रखी थी, उसे कब्जे में ले लिया जाए और लोन की वसूली की जाए।
जमीन कब्जे में ले सकती थी कंपनी
लोन लेते वक्त देसाई ने करीब 42 एकड़ जमीन गिरवी रख दी थी। अपने ऑडियो क्लिप में नितिन देसाई ने यह भावना व्यक्त की है कि एडलवाइस कंपनी इस कर्ज की वसूली के लिए मानसिक रूप से परेशान कर रही है। इस संबंध में एडलवाइस कंपनी की ओर से दायर याचिका पर एनसीएलटी कोर्ट ने 25 जुलाई को फैसला सुनाया और आगे की कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया। एडलवाइस और एनडी स्टूडियो के बीच इस कर्ज विवाद को सुलझाने के लिए एक अधिकारी जितेंद्र कोठारी को भी नियुक्त किया गया था। इसीलिए नितिन देसाई चिंतित थे। मुंबई एनसीएलटी कोर्ट के फैसले के खिलाफ उन्होंने दिल्ली एनसीएलटी कोर्ट की प्रिंसिपल बेंच में अपील की, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अब यह चर्चा चल रही है कि क्या उन्होंने इसी वजह से मुंबई आते ही आत्महत्या कर ली।
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