नवजोत सिंह सिद्धू अब अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर के इलाज को लेकर विवादों में घिर गए हैं। पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू ने एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के कैंसर इलाज को लेकर कुछ घरेलू नुस्खे शेयर किए थे। नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर को ठीक करने वाले घरेलू उपायों के दावों को लेकर अब नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी मुश्किल में आ गए हैं। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी की ओर से 850 करोड़ का लीगल नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में नवजोत सिंह सिद्धू के कैंसर के इलाज में घरेलू नुस्खों के योगदान के दावों पर 40 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने शेयर किया था पत्नी का डाइट प्लान
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को एक डाइट प्लान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। इसमें उन्होंने दावा किया कि इस डाइट प्लान का उनकी पत्नी के कैंसर के इलाज में काफी बड़ी भूमिका रही। हालांकि, उन्होंने अपने पोस्ट में अपनी पत्नी के इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी का भी जिक्र किया था। सिद्धी ने इलाज के साथ पत्नी की डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव की जानकारी दी थी। लेकिन, छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी का मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू के दावे से लोग एलोपैथी को लेकर कन्फ्यूज हो रहे हैं।
माफी मांगें सिद्धू
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू के दावे झूठे हैं और उनकी वजह से लोग एलोपैथी को लेकर कन्फ्यूज हो रहे हैं। कई ऐसे कैंसर के मरीज हैं जो दवा नहीं लेना चाहते, इसके चलते उनकी जान को खतरा बढ़ गया है। जारी नोटिस में गया गया है कि अगर नवजोत कौर सिद्धू दावे के सबूत पेश नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
टाटा मेमोरियल अस्पताल ने खारिज किए थे दावे
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के नोटिस के अनुसार, नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा शेयर किए गए पोस्ट के बारे में जानने के बाद देश-विदेश के कैंसर मरीजों में अस्पष्टता की स्थिति पैदा हो गई है और लोगों में एलोपैथी दवाओं का विरोध पैदा हो गया है। नोटिस में ये भी कहा गया है कि अगर सिद्धू अपने बयान पर माफी नहीं मांगते या इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता से संबंधित दस्तावेज पेश नहीं करते तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। इससे पहले टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने भी एक एडवाइजरी जारी करते हुए घरेलु नुस्खों से कैंसर के इलाज के दावों को खारिज किया था।