
बॉलीवुड सितारों के बच्चों से काफी उम्मीदें होती हैं। अगर वो फिल्मों में आते हैं तो उन्हें पहली ही फिल्म में कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं होता तो उन्हें भारी ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। हाल के दिनों में यही देखने को मिला है। इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर और जुनैद खान इसका उदाहरण रहे हैं। माना जाता है कि सितारों के बच्चों बचपन से एक्टिंग की दुनिया देखकर बड़े हुए हैं और उनका ये अनुभव फिल्मों में भी नजर आएगा, लेकिन कम ही स्टारकिड इसका सही उपयोग करते हुए खुद को एक मंझे हुए कलाकार के रूप में प्रस्तुत कर पाते हैं। आज एक ऐसे ही स्टारकिड के बारे में हम आपसे बात करेंगे। ये स्टारकिड, बॉलीवुड में एक्टिंग के गुरु कहे जाने वाले अभिनेता का बेटा है, लेकिन फिर भी स्टारडम की सीढ़ियां नहीं चढ़ सका।
इस सुपरस्टार का है बेटा
ये स्टारकिड फिल्म, थिएटर और रचनात्मकताओं के बीच पला-बढ़ा है। उनके माता-पिता राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता हैं, उनकी दादी भी अपने अभिनय के लिए जानी जाती थीं और उनकी बहन एक अभिनेत्री हैं, जबकि उनके भाई एक संगीतकार हैं और आखिर में बची उनकी मां अपने काम के बल पर बॉलीवुड में अलग पहचान बना चुके हैं। ये कोई और नहीं बल्कि नसीरुद्दीन शाह के बेटे विवान शाह हैं। इस स्टारकिड ने कई कॉमर्शियल हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर भी अलग पहचान नहीं बना पाए और न ही इन्हें पिता के स्टारडम का फायदा मिला। अब उन्होंने फिल्मों से ज्यादा थिएटर पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत के सबसे अच्छे बोर्डिंग स्कूल दून स्कूल में पढ़ाई करते हुए उन्होंने एक्टिंग पर फोकस किया। इसके बाद बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाई का मन बनाया, लेकिन चंद अंकों की कमी के चलते उनका दाखिला न हो सका। एक साल की कोशिश के बाद वो मुंबई वापस लौट गए। वहीं उन्होंने हिंद कॉलेज में एडमिशन लिया।
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इस फिल्म से किया डेब्यू
इसके बाद विवान शाह ने विशाल भारद्वाज की साल 2011 की फिल्म '7 खून माफ' से प्रियंका चोपड़ा के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। कुछ साल बाद उन्हें शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और अभिषेक बच्चन के साथ फराह खान की 'हैप्पी न्यू ईयर' (2014) में एक मजेदार भूमिका मिली। उन्होंने एक बार खुलासा किया था कि उनके पिता, फराह खान के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने उन्हें उस भव्य मंच पर देखा, यह उनके लिए कितना मायने रखता है, लेकिन कई स्टार किड्स के विपरीत विवान ने स्टारडम का पीछा नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने अपना ध्यान 'बॉम्बे वेलवेट', 'लाल की शादी में लड्डू दीवाना', 'कबाड़: द कॉइन', जैसी फिल्मों को चुना जो बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकीं। फिल्म इंडस्ट्री में विवान को पिता की तरह सफलता नहीं मिल सकी और न ही स्टारडम, लेकिन वो अब भी बॉलीवुड की दुनिया में अपने कदम जमाने की कोशिश में लगे हुए हैं।