विश्वनाथ पाटेकर, यानी नाना पाटेकर आज 1 जनवरी को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। दिग्गज अभिनेता का जन्म 1 जनवरी 1951 को बॉम्बे में हुआ था। नाना पाटेकर भारतीय सिनेमा के सबसे मंझे हुए और शानदार अभिनेताओं में गिने जाते हैं। अपने एक्टिंग टैलेंट ही नहीं, नाना फिल्म मेकिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए भी मशहूर हैं। यही नहीं उन्हें तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है और 2013 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। आज उनके जन्मदिन पर आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
नाना पाटेकर का जन्म
साल 1951 में नाना पाटेकर का मराठी परिवार में हुआ। नाना पाटेकर ने बड़े ही कठिन दौर में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और 13 साल की छोटी सी उम्र से ही काम कर रहे हैं। आज हिंदी और मराठी फिल्मों में उनके नाम एक से बढ़कर एक बेहद शानदार और यादगार फिल्में हैं। सिद्धार्थ कनन के पॉडकास्ट में नाना पाटेकर ने बताया था, कि शुरुआत में वो दिन की केवल एक मील लेते थे और उनकी कमाई महज 35 रुपये महीना थी और आज के समय में वह करोड़ों के मालिक हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'गमन' में एक निगेटिव रोल से की थी।
इस फिल्म से मिली कामयाबी
हालांकि, पहली बार उन्हें कामयाबी 1986 में मिला जब उनकी हिट फिल्म 'अंकुश' में दर्शकों ने उन्हें खूब पसंद किया। फिल्म में उनके सिग्नेचर स्टाइल पर तो दर्शकों का दिल ही आ गया। नाना पाटेकर की प्रशंसित फिल्मों की बात करें तो परिंदा, क्रांतिवीर, अग्नि साक्षी, तिरंगा, खामोशी और भूत जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय से सबको हैरान किया। फिल्म अग्नि साक्षी में नाना पाटेकर को बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।
कई फिल्मों में निभाया पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार
फिल्मों में उनकी डायलॉग डिलीवरी और गुस्सैल एक्सप्रेशन के कारण उन्हें कई बार पुलिस इंस्पेक्टर के रोल में देखा गया। एक समय था जब नाना के बोले डायलॉग्स लोग कॉपी किया करते थे। इसी तरह उन्होंने फिल्म वेलकम में उदय शेट्टी का रोल भी ऐसा किया कि दर्शक आज भी नहीं भूल पाए। शागिर्द, टैक्सी नंबर 9211, अब तक छप्पन में नाना पाटेकर ने शानदार एक्टिंग को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
मेजर के रोल में फिट होने के लिए 3 साल ली ट्रेनिंग
2016 में नाना पाटेकर ने एक मराठी फिल्म नटसम्राट की, इस क्लासिक फिल्म में दर्शक उनकी एक्टिंग आज भी याद करते हैं। विक्रम गोखले और मेधा मांजेकर स्टार्र इस फिल्म में नाना पाटेकर ने एक रिटायर शख्स का रोल किया है। 1990 में इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में बतौर कैप्टन नाना पाटेकर ने ज्वॉइन किया। उन्होंने अपनी फिल्म प्रहार- द फाइनल अटैक में मेजर के रोल में फिट होने के लिए तीन साल की आर्मी ट्रेनिंग ली थी। उस समय उन्होंने जनरल वीके सिंह के साथ काम किया।
कारगिल युद्ध में योगदान
1999 में कारगिल युद्ध के समय उन्होंने एक्टिंग करियर को छोडकर मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट के साथ मिलकर युद्ध में अपना योगदान दिया। हाल में ही नाना पाटेकर की फिल्म वनवास रिलीज हुई, जिसके डायरेक्टर अनिल शर्मा हैं।