Nana Patekar : नाना पाटेकर के डायलॉग और किरदार लोगों के बीच आज भी काफी मशहूर है। नाना पाटेकर ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किए थे। पर ऐसा क्या हुआ जो नाना पाटेकर ने क्यों कहा कि, मैंने भगवान से मन्नत मांगी थी की नसीरुद्दीन शाह का एक्सीडेंट हो जाए उसके हाथ, पैर टूट जाए। फिल्मी पर्दे पर गंभीर भूमिका निभाने वाले नाना पाटेकर का मजाकिया अंदाज बहुत कम लोगों को देखने को मिलता है, लेकिन मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में नाना पाटेकर अपने ह्युमर से वहां मौजूद जनता को लोटपोट कर दिया। इसी कार्यक्रम में नाना पाटेकर ने वो राज खोला जिसे सुनकर सभी लोग हैरान हो गए।
कार्यक्रम में हुआ हैरान करने वाला खुलासा -
सुपरहिट मराठी फिल्म 'सिंहासन' के 44 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुंबई में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में फिल्म के डायरेक्टर जब्बार पटेल, फिल्म निर्माण में मदद करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार और फिल्म के अभिनेता नाना पाटेकर और मोहन आगेशे मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान फिल्म से जुड़ी कई अनकही कहानियों को डायरेक्टर और फिल्म के कलाकारों ने शेयर किया, लेकिन इसी कार्यक्रम के दौरान नाना पाटेकर का एक बयान चर्चा का विषय बन गया है।
इस शख्स की वजह से भगवान पर भरोसा नहीं -
एक सवाल के जवाब में नाना पाटेकर ने कहा कि, आपको सच कहता हूं शरद पवार की जैसे डायरेक्टर जब्बार के लिए ( मराठी फिल्मों में पहली पसंद) मोहन आगेश थे... उसी तरह हिंदी फिल्मों में श्याम बेनेगल, गोविंद निहलानी की (पहली पसंद) नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी होते थे। मैं भगवान को नहीं मानता हूं.. उसके पीछे वजह है नसीरुद्दीन शाह। शरद राव (शरद पवार) मैंने भगवान से मन्नत मांगा था कि नसीर का एक्सीडेंट हो जाए, उसके हाथ, पैर टूट जाए... ताकि वो रोल मुझे मिल जाए, लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं और इसीलिए मेरा भगवान पर से भरोसा उठ गया है। सच कहता हूं की, जीतना जिसकी झोली में लिखा था उसे वो मिला। काफी समय के बाद हमें भी बहुत काम मिला। हम उम्र के ढलान पर है, लेकिन आज हमें बहुत अच्छे रोल मिल रहें है। नाना पाटेकर के इस मजाकिया अंदाज पर वहां मौजूद लोगों की हंसी छूट गई।
इस कार्यक्रम की लिंक -
अभिनेता को स्वार्थी होना चाहिए -
नाना यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि, मुझे जो नसीर के लिए लगता था वो मोहन आगाशे मेरे बारे में सोचते थे। कार्यक्रम के दौरान सवाल पूछा गया कि, क्या अभिनेता को स्वार्थी होना चाहिए इस पर नाना पाटेकर ने कहा कि, हर प्रोफेशन में लोग स्वार्थी होते है.. हर किसी को लगता है की वो रोल उसे मिले इसमें कोई बुरी बात नहीं है.. बस आपको जब मौका मिले तो आप अच्छा काम करें यह इच्छा आप में होनी चाहिए।
वर्कफ्रंट -
'सिंहासन' फिल्म नाना पाटेकर के करियर की दूसरी फिल्म थी। इस फिल्म के लिए उन्हे 3 हजार रुपए मिलने वाले थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते डायरेक्टर ने नाना को सिर्फ एक हजार रुपए ही दिए। इस फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाले पद्मश्री मोहन आगाशे ने रंग दे बसंती, बच्चन पांडे, अबतक छप्पन, गंगाजल, त्रिमुर्ती सहित कई हिंदी फिल्मों में काम कर चुके है।
ये भी पढ़ें-
Anupamaa: वनराज ने अनुज को दी धमकी, क्या अनुपमा निकल पाएगी इस गंदे प्लान के दलदल से?
Jawan के सेट से शाहरुख खान की दमदार तस्वीरें हुईं वायरल, शूट करते दिखे किंग खान
Salman Khan की नई SUV का नंबर भी है स्पेशल, 'भाईजान' के गुडलक से है कनेक्शन