जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट के बाद महिला कलाकारों के खिलाफ यौन अपराधों के आरोपों में सबसे पहला नाम अभिनेता सिद्दीकी और फिल्म निर्देशक रंजीत का नाम आया था, जिसके बाद निर्देशक रंजीत ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अभिनेता सिद्दीकी के बाद अब निर्देशक रंजीत भी गिरफ्तारी से बचने के लिए केरल हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर करते हुए कहा है कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। शिकायतकर्ता को फिल्म में किसी भी रोल के लिए नहीं चुना गया इसलिए उसने आक्रोश में आकर ये सब किया है।
अग्रिम जमानत में स्वास्थ्य का दिया हवाला
रंजीत बालकृष्णन ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया है कि उन्हें फंसाने की साजिश की गई है। उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। ताकी उन्हें केरल अकादमी के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए, लेकिन लगाए गए आरोप के बाद रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। 60 वर्षीय निर्देशक रंजीत जो हेमा कमेटी रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद यौन अपराध मामले में पहले आरोप के तौर पर सामने आए थे। उन्होंने अग्रिम जमानत में दावा किया है कि वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं और हाल ही में उनका लीवर ट्रांसप्लांट हुआ है, इसलिए उन्हें अच्छी और उचित चिकित्सा देखभाल और ध्यान की आवश्यकता है।
निर्देशक रंजीत ने अग्रिम जमानत की मांग
रंजीत पर वर्ष 2009 में फिल्म 'पलेरीमानिक्यम' के लिए चर्चा के दौरान अभिनेत्री से छेड़छाड़ करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। ये घटना 15 साल पहले हुई थी। वहीं अग्रिम जमानत की मांग की है और अदालत को आश्वासन दिया है कि वे जांच में सहयोग करेंगे और अदालत द्वारा उन पर लगाई जाने वाली जमानत की किसी भी शर्त का पालन करेंगे। जिस मामले में रंजीत गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, वह पश्चिम बंगाल की एक महिला अभिनेता द्वारा 2009 में हुई एक घटना के संबंध में की गई शिकायत पर आईपीसी की धारा 354 (महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत अपराध के लिए है। उसने आरोप लगाया था कि निर्देशक ने 2009 में फिल्म में अभिनय करने के लिए आमंत्रित करने के बाद उसे यौन इरादे से अनुचित तरीके से छुआ था।
अभिनता सिद्दीकी ने अग्रिम जमानत की लगाई गुहार
न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासे के बाद कई निर्देशकों और अभिनेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद कई हाई प्रोफाइल मलयालम फिल्म हस्तियों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले और मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा करने वाली इसकी रिपोर्ट के बाद केरल सरकार ने समिति का गठन किया था। कई अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों के बाद, राज्य सरकार ने 25 अगस्त को उनकी जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की। सिद्दीकी, मुकेश, राजू और प्रकाश ने उनके खिलाफ मामलों में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। सिद्दीकी ने अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) के महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
इनपुट- पीटीआई