'आशिकी' और 'सड़क' जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध महेश भट्ट इंडस्ट्री के उन नगीनों में से एक रहे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हर तरफ अपनी चमक बिखेरी। नानाभाई भट्ट और शिरीन मोहम्मद अली के घर जन्मे महेश भट्ट ने काफी कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। आज उनकी गिनती इंडस्ट्री के हिट फिल्ममेकर्स में होती है, लेकिन एक दौर था जब उन्हें अपने करियर को तराशने में काफी मेहनत करनी पड़ी। हाल ही में महेश भट्ट ने अपने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात की और फिल्म निर्माता राज खोसला की मदद करने के समय की यादें भी साझा कीं।
राज खोसला से पहली मुलाकात
रेडियो नशा के साथ बातचीत में, महेश भट्ट ने बताया कि कैसे वह फिल्म 'दो रास्ते' के अंतिम शेड्यूल के दौरान खोसला से मिले, जिसमें राजेश खन्ना और मुमताज लीड रोल में थे। इस फिल्म का गाना "तूने काजल लगया दिन में रात हो गई" फिल्माया जा रहा था, उसी दौरान महेश भट्ट की पहली बार प्रसिद्ध निर्देशक खोसला से मुलाकात हुई।
कभी नहीं देखा राजेश खन्ना जैसा स्टारडमः महेश भट्ट
इस दौरान महेश भट्ट ने राजेश खन्ना के स्टारडम के बारे में भी बात की। उनके अनुसार, वह राजेश खन्ना के स्टारडम को देखकर हैरान रह गए थे। भट्ट कहते हैं- 'मैंने राजेश खन्ना जैसा स्टारडम पहले कभी नहीं देखा था। आजकल स्टार्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म से बहुत फायदा होता है। मगर उस समय, सिर्फ कुछ फिल्मी मैग्जीन और सीमित प्रिंटों के साथ, राजेश खन्ना प्रसिद्धि का ऐसा स्तर बनाने में कामयाब रहे जो पहले कभी नहीं देखा गया था।'
जो हूं, विनोद खन्ना की वजह से हूंः महेश भट्ट
खोसला के साथ काम करने पर बात करते हुए महेश भट्ट ने कहा- “हमने बाद में धर्मेंद्र और विनोद खन्ना स्टारर 'मेरा गांव मेरा देश बनाई'। विनोद खन्ना सिर्फ एक सहकर्मी ही नहीं थे, बल्कि वह एक महान दोस्त भी थे जिन्होंने मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके बिना, मुझे नहीं लगता कि मैं वो व्यक्ति बन पाता जो मैं आज हूं।” महेश भट्ट ने अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उदयपुर में 'मेरा गांव मेरा देश' के निर्माण के बारे में बात की और फिल्म में आनंद बख्शी और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के म्यूजिक की भी तारीफ की।
छठी फिल्म ने करियर में निभाया अहम रोल
महेश भट्ट ने जब इंडस्ट्री में शुरुआत की, तब उनकी फिल्मों को दर्शकों से कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था। हालांकि, कुछ असफल फिल्मों से शुरुआत करने के बावजूद, महेश भट्ट अपना करियर स्थापित करने में कामयाब रहे। इसमें उनकी फिल्म 'अर्थ' का खास योगदान रहा, जो उनकी छठी फिल्म थी। यह सफलता भट्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। इस फिल्म के बाद उनकी 80 और 90 के दशक की 'सारांश', 'जन्म', 'सड़क' और 'आशिकी' सहित कई फिल्में हिट साबित हुईं।