
बॉलीवुड को यूं ही मायानगरी नहीं कहा जाता, यहां पल-पल किस्मत बदलती है। कोई रातों-रात स्टार बन जाता है तो किसी की किस्मत ऐसा यू-टर्न लेती है कि अर्श तक पहुंचने के बाद भी शख्स फर्श पर आ जाता है। सफलता की बुलंदियों पर पहुंचने के बाद असफलता देखने वाले एक्टर अक्सर इस मायावी दुनिया से मुंह फेर लेते हैं और एक्टिंग से उनका मोह भंग हो जाता है। सालों-साल तक ये ओझल रहते हैं। कोई अच्छे मौके की तलाश में रहता है, तो कोई कमबैक कर के भी सफल नहीं हो पाता। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि एक अभिनेता भले सालों तक फिल्मों में नजर आए, लेकिन चंद सालों तक गायब रहने के बाद दुनिया उसे झट से भुला देती है। आज हम एक ऐसे अभिनेता के बारे में बात करेंगे जो 1990 के दशक में एक लोकप्रिय नाम था। वह एक ब्लैक बेल्ट मार्शल आर्टिस्ट और एक कुशल डांसर था।
नहीं पूरी हुई आखिरी इच्छा
आज जिस एक्टर की बात कर रहे हैं उसने अलग-अलग भाषाओं में 300 से ज्यादा फिल्में कीं। हालांकि अपने पतन के बाद वह 18 साल तक बेरोजगार रहे और उनके दिन गुरबत में कटे। अपनी पांच शादियों के बावजूद वह अपने अंतिम दिनों में बिल्कुल अकेले रह गए थे। वह मरने से पहले अपने बेटे को गले लगाना चाहता था, लेकिन उनकी आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं हुई। अंतिम दिनों में उनका ऐसा हाल हो गया था कि लोग उन्हें पहचान भी नहीं पा रहे थे और अंत में उनकी मौत अकेलेपन से हो गई। ये एक्टर कोई और नहीं बल्कि महेश आनंद हैं। अभिनय में कदम रखने से पहले महेश एक मॉडल के रूप में काम करते थे। वह एक ट्रेंड डांसर और ब्लैक-बेल्ट मार्शल आर्टिस्ट भी थे। आनंद ने कमल हासन और रीना रॉय की फिल्म 'करिश्मा' से साल 1984 में अपने करियर की शुरुआत की। जल्द ही वे बॉलीवुड और तेलुगु फिल्मों के भी लोकप्रिय खलनायक बन गए।
इन फिल्मों से मिली पहचान
80 के दशक के आखिर से लेकर 90 के दशक के आखिर तक महेश ने कई बड़ी कॉमर्शियल हिट फिल्मों में काम किया। उन्होंने अमिताभ बच्चन, गोविंदा, संजय दत्त, अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी जैसे बड़े सितारों के साथ स्क्रीन शेयर की। 'शहंशाह', 'तूफान', 'अजूबा','क्रांतिवीर', 'स्वर्ग', 'वक़्त हमारा है' और 'कुली नंबर 1' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया। साल 2000 से महेश आनंद का करियर हाथ से फिसलने लगा। एक फिल्म के सेट पर चोटिल होने के बाद उनका करियर और भी बुरा हो गया। एक फिल्म के सेट पर स्टंट करते समय वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके कारण उन्हें 6 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। इसके बाद वे तीन साल तक घर पर ही बिस्तर पर पड़े रहे।
फेसबुक पर लिखी दास्तां
बॉलीवुड में कभी मशहूर नाम रहे महेश आनंद 18 साल से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहे। महेश ने फेसबुक पर अपनी कहानी बयां की और अपने बेटे से न मिल पाने के बारे में लिखा। अभिनेता ने लिखा, 'मेरे दोस्त और सभी लोग मुझे शराबी कहते हैं। मेरा कोई परिवार नहीं है। मेरे सौतेले भाई ने मुझसे 6 करोड़ रुपये ठगे हैं। मैंने 300 से ज्यादा फिल्में की हैं, लेकिन मेरे पास पीने का पानी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है। इस दुनिया में मेरा एक भी दोस्त नहीं है, यह बहुत दुखद है।' महेश ने पांच शादियां कीं, लेकिन कोई भी शादी टिक नहीं पाई। पांचों पत्नियां उन्हें छोड़कर चली गईं। महेश आनंद की पहली शादी अभिनेत्री रीना रॉय की बहन बरखा रॉय से हुई थी। उनकी दूसरी शादी मिस इंडिया इंटरनेशनल एरिका मारिया डिसूजा से हुई, जिनसे वे बेटे त्रिशूल के पिता बने।
बेटे को नहीं लगा सके गले
फिर उन्होंने तीसरी बार अभिनेत्री मधु मल्होत्रा से शादी की और ये भी नहीं चल सकी। चौथी बार अभिनेत्री उषा बच्चानी से शादी की, जो एक टीवी एक्ट्रेस हैं, वो भी एक्टर से अलग हो गई। आखिर में महेश आनंद ने रूसी महिला लाना से शादी की। 9 फरवरी 2019 को महेश आनंद अपने घर में मृत पाए गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार महेश का शव तीन दिन तक घर में पड़ा रहा और सड़ने लगा। महेश की पांचवीं पत्नी रूस से मुंबई आईं और उनके सड़े-गले शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गईं। अपनी आखिरी सांस तक वे अपने बेटे त्रिशूल को गले लगाने की चाहत में तरसते रहे और उसे देखे बिना ही गुजर गए।