केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अभिनेता सिद्दीकी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक महिला अभिनेता के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामले में जमानत मांगी गई थी। केरल पुलिस ने अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है क्योंकि अभिनेता आज सुबह से वो लापता हैं। यह निर्णय उद्योग के भीतर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को संबोधित करने के लिए गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा चल रही जांच के मद्देनजर आया है। ये आरोप एक अभिनेत्री ने लगाए हैं। इस मामले में तिरुवनंतपुरम में एफआईआर दर्ज की गई है। इसी मामले में सीपीएम विधायक और अभिनेता मुकेश को कोच्चि में 3 घंटे की पूछताछ के बाद एसआईटी ने गिरफ्तार किया है।
पहले ही सिद्दीकी ने दिया इस्तीफा
सिद्दीकी ने आरोपों से साफ इनकार किया है और इस मामले एक व्यापक अदालती आदेश लंबित है। यह कानूनी घटनाक्रम 2 सितंबर को सिद्दीकी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले के जवाब में अग्रिम जमानत के अनुरोध के बाद हुआ है। मलयालम फिल्म उद्योग हाल ही में यौन शोषण के विभिन्न आरोपों को उजागर करने वाले 'मी टू' आंदोलन से हिल गया है। आरोपों के मद्देनजर सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही पूरी 17 सदस्यीय कार्यकारी समिति से भी इस्तीफा दे दिया।
क्या है पूरा मामला
कई महिला अभिनेताओं ने उद्योग में प्रमुख हस्तियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें निर्देशक रंजीत और अभिनेता मुकेश, सिद्दीकी और अन्य शामिल हैं। सिद्दीकी के अलावा मुकेश, जयसूर्या, एडावेला बाबू और मनियानपिला राजू जैसे अन्य अभिनेता भी यौन उत्पीड़न के मामलों में फंसे हैं। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के जारी होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के उत्पीड़न, शोषण और व्यवस्थित दुर्व्यवहार के मामलों को उजागर किया गया था। गवाहों और आरोपियों के नाम हटाने के बाद 19 अगस्त को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम फिल्म उद्योग पर लगभग 10 से 15 पुरुष निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं का नियंत्रण है, जो उद्योग पर हावी हैं और नियंत्रण रखते हैं।