फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने सिंगर उदित नारायण आज 69 साल के हो गए। 1 दिसंबर 1955 को मैथिल ब्राह्मण परिवार में जन्में सुरों के बादशाह ने अपने करियर में बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने मुंबई में 100 रुपए महीने के लिए रेडियो में भी काम किया। उदित नारायण बचपन से ही गाने के शौकीन थे। वह गांव के छोटे-छोटे मंच पर गाया करते थे, जिसकी वजह से लोग उन्हें पहचानने लगे। लेकिन, उन्हें अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा था, जिसके कारण वह सोचने लगे कि शायद वह गलत लाइन में आ गए। आज नेपाली रेडियो से सिंगिंग का करियर शुरू करने वाले उदित कई फिल्मों में अपनी मधुर आवाज दे चुके हैं।
लता मंगेशकर ने उदित को दिया था ये गिफ्ट
उदित नारायण ने लता मंगेशकर संग अपनी मुलाकातों को याद करते हुए एक सिंगिंग इवेंट में किस्सा सुनाया था और कहा, 'मेरा जन्मदिन था और इत्तेफाक से लता जी मुझे से मिली... जब लता जी को मेरे बर्थडे के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे सोने की चेन गिफ्ट कर दी।' इतना ही नहीं सुरों की मल्लिका लता दी उदित की गायिकी की भी मुरीद थी और उन्हें ओरिजिनल सिंगर कहती थीं। ये किस्सा उदित नारायण ने एक बार पत्रिका प्लस से बात करते हुए बताया था, 'मेरी लता दी से पहली मुलाकात पुणे के एक चैरिटी शो में हुई थी। जहां ये गिफ्ट मिला था।'
सुरों के बादशाह कैसे बने स्टार
उदित नारायण जो 'उड़ जा काले कांवा', 'हम साथ-साथ हैं', 'घनन घनन', 'ऐसा देश है मेरा' और 'ये बंधन तो' जैसे सुपरहिट गानों के लिए मशहूर हैं। उन्होंने आगे बताया कि, फिल्म 'डर' के लिए साथ गाना गाने के बाद लता मंगेशकर ने उन्हें 'प्रिंस ऑफ प्लेबैक सिंगिंग' का टाइटल दिया था। बता दें कि आमिर खान और जूही चावला की फिल्म 'कयामत से कयामत' का गाना मोस्ट पॉपुलर गाना 'पापा कहते हैं' गाकर उदित नारायण छा गए थे। उदित की पहली शादी रंजना नारायण झा से हुई थी और दूसरी शादी दीपा नारायण से की। उदित और दीपा के बेटे आदित्य नारायण एक जाने माने सिंगर और होस्ट हैं।