Highlights
- 2019 में भारत सरकार ने लता मंगेशकर को 'डॉटर ऑफ द नेशन' अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
- लता मंगेशकर ने पहली बार 16 दिसंबर 1941 को रेडियो के लिए गीत गाया था।
- 6 फरवरी 2022 को लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कहा था।
Lata Mangeshkar Birthday: 'नाम गुम जाएगा चेहरे ये बदल जाएगा, मेरी आवाज ही पहचान है गर याग रहे...' गाने की ये पंक्तियां जैसे दिवंगत गायक लता मंगेशकर के लिए ही लिखी गई थी। आज सुर साम्राज्ञी भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन अपनी आवाज और गाने की वजह से वो लोगों के दिलों में अभी भी जिंदा है। आज लता मंगेशकर अगर दुनिया में होती तो अपना 93वां जन्मदिन मनाती। भारत रत्म लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मशहूर संगीतकार थे। बहुत छोटी सी उम्र में उन्होंने संगीत के संसार में कदम रख दिया था। लता ने अपनी आवाज और सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल कर ली थी। उन्होंने कई भाषाओं में गाने गाए हैं।
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पहली बार रेडियो के लिए गाया था गाना
लता मंगेशकर ने पहली बार 16 दिसंबर 1941 को रेडियो के लिए गीत गाया था। वहीं मालूम हो कि साल 1974 में भारतीय संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने पर लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। लता मंगेशकर को साल 2001 में देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। लता मंगेशकर के परिवार में उनकी बहन आशा भोंसले और उषा मंगेशकर भी प्लेबैक सिंगर हैं. उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर संगीतकार रहे हैं।
लता मंगेशकर का आखिरी गाना
लता मंगेशकर की आवाज में गाए हुए गाने फिल्म की जान हुआ करती थी। उन्होंने सबसे ज्यादा हिंदी फिल्मों के गानों में ही अपनी आवाज दी थी। लता मंगेशकर का आखिरी गाना साल 'फिल्म रंग दे बसंती' का 'लुका छिपी' था। आपको बता दें कि यह गाना आज भी लोगों की आंखें नम कर जाती है। वहीं अगर उनकी आखिरी हिंदी एल्बम की बात करें तो वह फिल्म 'वीर-जारा' थी। इसमें लता मंगगेशकर ने 'तेरे लिए हम हैं जिए', 'ऐसा देस है मेरा', 'हम तो भई जैसे हैं', 'दो पल रुका ख्वाबों का कारवां' गानों को अपनी सुरीली आवाज से सजाया था।
सुरीली आवाज ने लता ताई को दिलाया था इतने अवॉर्ड्स
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1959 में पहला पुरस्कार बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर पुरस्कार 'मधुमति' के लिए दिया गया था। इस तरह से कई फिल्मफेयर पुरस्कार उनके नाम हुए थे। इसके बाद साल 1969 में पद्म भूषण, 1989 में पद्म विभूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 1996 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार, 1997 में राजीव गांधी पुरस्कार, 1997 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, 2001 में महाराष्ट्र रत्न, और साल 2019 में भारत सरकार ने उन्हें 'डॉटर ऑफ द नेशन' अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
फरवरी में खमोश हो गई सुर साम्राज्ञी लता
6 फरवरी 2022 की तारीख संगीत प्रेमियों के लिए एक काला दिन था। इस दिन सुर कोकिला लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कहा था। उन्होंने 6 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली थीं।