Saturday, April 05, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. बॉलीवुड
  4. अंग्रेजों को गाली देने वाला 'केसरी चैप्टर 2' का असली हीरो कौन, जिसके किरदार में ढले अक्षय कुमार, रिलीज से पहले ही जानें

अंग्रेजों को गाली देने वाला 'केसरी चैप्टर 2' का असली हीरो कौन, जिसके किरदार में ढले अक्षय कुमार, रिलीज से पहले ही जानें

अक्षय कुमार, आर माधवन और अनन्या पांडे फिल्म 'केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग' लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म की कहानी न सिर्फ एक असल घटना बल्कि एक असल किरदार पर आधारित है, जिसकी भूमिका अक्षय कुमार निभा रहे हैं।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Mar 26, 2025 13:35 IST, Updated : Mar 26, 2025 14:49 IST
Kesari Chapter 2
Image Source : INSTAGRAM सर चेट्टूर शंकरन नायर और अक्षय कुमार।

अक्षय कुमार, आर माधवन और अनन्या पांडे अपनी आगामी फिल्म 'केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग' में एक साथ काम करते नजर आने वाले हैं। फिल्म एक वास्तविक घटना पर आधारित है। दो दिनों पहले फिल्म का टीजर रिलीज हुआ, जिसमें एक प्रभावशाली वकील की झलक देखने को मिली। इस किरदार को अक्षय कुमार निभाते नजर आए। ये किरदार एक ब्रिटिश जज को कोर्टरूम में गाली देता है। आखिर ये किरदार है कौन, टीजर देखने के बाद हर किसी के मन में ये सवाल जरूर खड़े होंगे। अंग्रेजों से जरा भी न डरने वाला ये किरदार काल्पनिक नहीं बल्कि एक रियल लाइफ हीरो पर आधारित है। अक्षय कुमार एक निडर वकील सर सी शंकरन नायर की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय त्रासदी के बाद ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी। यह फिल्म जलियांवाला बाग हत्याकांड के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए उनकी ऐतिहासिक लड़ाई पर प्रकाश डालती है।

कानून के क्षेत्र में रहा बड़ा नाम

सर चेट्टूर शंकरन नायर का जन्म 11 जुलाई 1857 को पालघाट जिले में हुआ था। वे लॉ की डिग्री हासिल करने के लिए मद्रास (अब चेन्नई) चले गए और एक नामी वकील बन गए। मद्रास के एडवोकेट-जनरल के रूप में कार्य करते हुए उनका करियर आगे बढ़ा और 1908 में उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। नायर एक प्रतिष्ठित वकील और राजनेता थे। उन्होंने 1906 से 1908 तक एडवोकेट-जनरल की भूमिका निभाई, 1908 से 1915 तक मद्रास उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 1915 से 1919 तक वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में भारत के शिक्षा मंत्री बने।

Kesari Chapter 2

Image Source : INSTAGRAM
सर चेट्टूर शंकरन नायर और अक्षय कुमार।

अंग्रेज भी करते थे सम्मान

एक सुधारक के रूप में नायर ने लैंगिक समानता जातिगत भेदभाव का विरोध, बाल विवाह उन्मूलन और निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा सहित प्रगतिशील कारणों का समर्थन किया। उनकी ईमानदारी और बुद्धिमत्ता ने उन्हें अंग्रेजों के बीच भी सम्मान दिलाया, जिन्होंने 1912 में उन्हें नाइट की उपाधि दी। 1915 में वे वायसराय की परिषद में शामिल हो गए। नायर एक मजबूत राष्ट्रवादी थे और अपने विचार को उस दौर में भी सामने रखने से नहीं डरते थे। वे 1890 में मद्रास विधान परिषद के सदस्य बने और 1897 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सम्मेलन की अध्यक्षता की। उनके सिद्धांतों ने उन्हें भारतीय राष्ट्रवादियों और ब्रिटिश अधिकारियों दोनों से प्रशंसा दिलाई।

छोड़ दिया था अंग्रेजों से मिला पद

उन पर लिखी गई पुस्तक रिटर्न के अनुसार नायर उस समय एक भारतीय को दिए जाने वाले सर्वोच्च सरकारी पदों में से एक पर थे, लेकिन उन्होंने विरोध में इस्तीफा देने का फैसला किया। जब लॉर्ड चेम्सफोर्ड की सरकार अपनी काली करतूतों को स्वीकार करने में विफल साबित हुई तो वे और निराश हो गए। बहुत कुछ सहन करने के बाद उन्होंने जुलाई 1919 में इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे ने प्रेस सेंसरशिप को हटाने और पंजाब में मार्शल लॉ को समाप्त करने में योगदान दिया। अपनी पुस्तक 'गांधी एंड एनार्की' में नायर ने माइकल ओ'डायर को उसकी अज्ञानता और अहंकार के लिए चुनौती दी। जलियांवाला बाग हत्याकांड के दौरान जनरल डायर के अपराध की निंदा की और इस मामले का खुलासा करने की ठानी। पंजाब नरसंहार के पीछे की सच्चाई को उजागर में उनका बड़ा योगदान रहा।

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement