बॉलीवुड में लंबे समय से रीमेक फिल्मों (bollywood remakes) पर बहस चल रही है। बता दें कि, पिछले कई सालों में बॉलीवुड में जितनी तेजी से रीमेक कल्चर बढ़ा है, उतनी ही तेजी से दर्शकों ने इसे नापसंद भी किया है। साउथ की लोकप्रिय तमिल और तेलुगु फिल्मों के हिंदी रीमेक को दर्शकों ने सामने से नकार दिया है। ऐसे में लगातार रीमेक फिल्मों पर कई तर्क-वितर्क चल रहे थे। अब इसे लेकर हिंदी फिल्मों के बड़े फिल्म निर्माता करण जौहर (Karan Johar On Remake Film) सामने आए हैं। उन्होंने एक चैट शो में इस पर खुलकर बात की और इसे लेकर अपने तर्क रखे।
80 और 90 के दशक से बनती आई हैं रीमेक फिल्में
फिल्म मेकर करण जौहर (Karan Johar On Remake Film) ने रीमेक फिल्मों को लेकर कई बड़ी बातों का खुलासा किया है। फिल्म मेकर करण जौहर ने बताया कि ऐसा आज और अचानक से शुरू नहीं हुआ है। तमिल और तेलुगु फिल्म का रीमेक बनाना 80 और 90 के दशक से शुरू हो चुका था। इसके बाद 90 में लव स्टोरी बनने लगीं और हम इसी होड़ में शामिल हो गए। हम उन फिल्मों के पीछे लग गए जो अच्छी कमाई कर रही थीं और कह सकते हैं कि अच्छी कमाई की होड़ में ऐसा किया गया।
ओरिजिनल कंटेंट देने में बॉलीवुड असमर्थ है: Karan Johar
इतना ही नहीं, ओरिजिनल कंटेंट (original content) को लेकर भी करण जौहर ने काफी कुछ कहा। उन्होंने बताया कि 70 के दशक में हमारे पास सलीम-जावेद थे, जो एकदम ओरिजिनल और फ्रेश कहानी के साथ किरदारों को परदे पर दिखाते थे। लेकिन, कम कमाई के कारण हमने ओरिजिनल कहानियों पर भरोसा नहीं किया।
अपनी जड़ों को खो रहे हैं, हम गुनहगार हैं : Karan Johar
इतना ही नहीं करण जौहर ने ये सब बताते हुए अपने आप को भी इसका गुनहगार बताया। उन्होंने बताया कि रीमेक कल्चर के कारण हमने अपनी पुरानी 70 की दशक की जड़ों को खो दिया है। हम इसके लिए गुनहगार हैं। साथ ही करण जौहर ने यह भी माना है कि बॉलीवुड ने हर लोकप्रिय तमिल और तेलुगु फिल्म का रीमेक बनाना शुरू कर दिया है और यहीं पर हिंदी फिल्म उद्योग खो रहा है।