बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अपने दिए बयानों की वजह अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। वह अपनी बात को पूरी दुनिया के सामने बड़ी बेबाकी से रखने के लिए जानी जाती हैं। वह अपने दिए बयानों की वजह से छाई भी रहती हैं, लेकिन कई बार उन्हें अपने इन्हीं बयानों के चलते भारी ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। इस बीच इन दिनों अभिनेत्री सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को लेकर एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं।
दरअसल, कंगाना ट्विटर का समर्थन करती नजर आई हैं। एक्ट्रेस ने ट्विटर को सबसे अच्छा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बताया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के स्टोरी सेक्शन में ट्विटर की प्रशंसा करते हुए एक लंबा नोट लिखा है। कंगना ने स्टोरी शेयर करते हुए लिखा - 'ट्विटर सबसे अच्छा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। यह वैचारिक रूप से प्रेरित है, बजाए फैशन या लाइफ स्टाइल के बारे में। हालांकि, मैं इसके वेरिफिकेशन के प्रोसेस को कभी नहीं समझ सकती, जो कुछ चुने हुए लोगों को मिलता है, जैसे बाकी लोगों का कोई वेरीफाई अस्तित्व ही नहीं है।'
'उदाहरण के लिए मैं वेरीफाइड हूं लेकिन मेरे पिता ब्लू टिक चाहते हैं, तो 3-4 जोकर आपकी पहचान को खारिज कर देंगे, जैसे कि वह कोई अवैध जीवन जी रहे हैं। वेरिफिकेशन का क्राइटेरिया आधार कार्ड पर आधारित होना चाहिए। जिनके पास आधार कार्ड है उन्हें तो बहुत आसानी से वेरिफाइड हो जाना चाहिए।'
कंगना ने आगे लिखा कि 'ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक को बनाए रखने के लिए पैसे लेने का फैसला बिल्कुल सही है। इससे प्लैटफॉर्म को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अब दुनिया में कोई भी फ्री लॉन्च नहीं होते हैं। क्या आपने कभी उन सभी प्लेटफार्मों के बारे में सोचा है जो आप स्वतंत्रता के साथ यूज करते हैं। वो खुद को कैसे बनाए रखते हैं? डेटा बेचते हैं, वो आपको उनका एक हिस्सा बनाते हैं, आपको प्रभावित करते हैं।'
'अगर ये सारे प्लेटफॉर्म आपको फ्री में सुविधाएं देंगें तो भला पैसे कैसे आएंगे। ऐसे में ब्लू टिक के लिए पैसे लेने का फैसला बिल्कुल सही है। इससे यूजर्स को भी डाटा लीक होने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा और एक बेहतर अनुभव भी मिल पाएगा।'
माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट के प्रति कंगना के रवैये में बदलाव स्पष्ट रूप से एलन मस्क द्वारा ट्विटर के अधिग्रहण के बाद नेतृत्व में बदलाव के कारण है। लेकिन, उन्होंने ट्विटर के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वैश्विक स्तर पर बर्खास्त करने के मामले में कुछ भी नहीं कहा। जिससे कंपनी में काम करने वाले भारतीय लोग भी प्रभावित हुए।