Kaali Film Poster Controversy: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर ज़ारी विवाद अब और भी गहरा होते जा रहा है। इस पोस्टर को लेकर लोगों की नाराज़गी कम होने का नाम नहीं ले रही है। फिल्म के पोस्टर में जिस तरह से देवी काली को चित्रित किया गया है, इससे लोगों के धार्मिक भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। फिल्म का पोस्टर रिलीज़ होते ही यूपी, दिल्ली और मुंबई पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्रण के लिए फिल्म 'काली' की निर्माता के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। अब, उसी को देखते हुए दिल्ली के एक कोर्ट ने लीना मणिमेकलाई के खिलाफ आज समन भेजा है।
दिल्ली कोर्ट ने भेजा समन:
दिन ब दिन इस फिल्म के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ते ही जा रहा है। आज दिल्ली की एक अदालत ने फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई और अन्य को 6 अगस्त के लिए समन जारी किया है। वादी पक्ष कोर्ट से पोस्टर और वीडियो और विवादित ट्वीट में देवी काली को अस्थायी रूप से चित्रित करने से रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग कर रहा है।
गिरफ्तार करने की हो रही थी लगातार मांग:
सोशल मीडिया पर फिल्म के पोस्टर का लगातार बहिष्कार किया जा रहा था। हिंदुओं ने लीना मणिमेकलाई पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। बता दें इस फिल्म के पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया था। इसके साथ ही उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगी झंडा भी नजर आ रहा है। ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई की है।
कौन हैं लीना मणिमेकलाई?
लीना मणिमेकलाई मदुरै के दक्षिण में स्थित सुदूर गांव महाराजापुरम की रहने वाली हैं। वो एक किसान परिवार से आती थीं और उनके गांव की प्रथा के अनुसार प्यूबर्टी के कुछ साल बाद लड़कियों की शादी उनके मामा से करवा दी जाती थी। जब लीना को यह बात पता चली कि उनके घरवाले उनकी शादी की तैयारी कर रहे हैं, तब वह चेन्नई से भाग गईं। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की। बाद के सालों में उन्होंने आईटी सेक्टर में नौकरी भी की। कई नौकरी करने के बाद उन्होंने फिल्म निर्देशन में आने का फैसला किया।