Highlights
- विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को दर्शकों का प्यार मिल रहा है
- फिल्म कई राज्यों में टैक्स-फ्री घोशित कर दी गई है।
विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' दर्शकों का दिल जीत रही है। यह फिल्म 1990 के दशक के विद्रोह के दौरान घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की दर्दनाक कहानी है। कई राज्यों ने इसे टैक्स-फ्री भी घोषित कर दिया, जबकि अन्य ने अपने कर्मचारियों को फिल्म देखने के लिए मुफ्त शो या हाफ डे (आधे दिन की छुट्टी) की छुट्टी की घोषणा की। इस परिस्थिति ने अब अमिताभ बच्चन की 'झुंड' के निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ को 'परेशान' कर दिया है। उनकी फिल्म 4 मार्च को रिलीज़ हुई थी। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया पर सवाल किया कि उनकी फिल्म को टैक्स-फ्री क्यों नहीं बनाया गया क्योंकि उसने न केवल दर्शकों से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला बल्कि एक सब्जेक्ट के तौर पर 'देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण' है।
'कश्मीर फाइल टैक्स फ्री क्यों है, 'झुंड' नहीं?'
4 मार्च को रिलीज़ हुई 'झुंड' को दर्शकों और समीक्षकों की तरफ से बेहतर रिस्पॉन्स मिला। हालांकि, एक हफ्ते बाद विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म की कमाई पर 'झुंड' पर भारी पड़ गई। फिल्म को केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारों का समर्थन मिला, कई राज्यों ने इसे टैक्स फ्री कर दिया। 'झुंड' की निर्माता सविता राज हिरेमठ ने बाद में फेसबुक पर लिखा कि वह इससे हैरान हैं। उन्होंने कहा कि जहां 'द कश्मीर फाइल्स' एक महत्वपूर्ण फिल्म है, वहीं 'झुंड' भी कम नहीं है।सविता ने अपना फेसबुक नोट शुरू करते हुए कहा, "मैंने हाल ही में कश्मीर फाइल्स देखी और कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी के रूप में यह दिल दहला देने वाली है। यह एक ऐसी कहानी है जिसे बताने की जरूरत है। यह कश्मीरी पंडितों की एक शानदार आवाज है! लेकिन 'झुंड' के निर्माता के रूप में मैं हूं उलझन में है। आखिरकार 'झुंड' भी एक महत्वपूर्ण फिल्म है और इसमें एक कहानी और एक बड़ा संदेश है जिसे दर्शकों से जबरदस्त प्रशंसा हासिल की।"
अपने लंबे नोट में सविता लिखती हैं कि वह यह जानने के लिए उत्सुक थी कि सरकार के लिए एक फिल्म का चयन करने और उसे टैक्स फ्री करने के मापदंड में कैसे सही समझा? उन्होंने लिखा, "इसलिए मैं यह जानना चाहती हूं कि सरकार किस कसौटी पर इसे टैक्स-फ्री बनाकर, सोशल मीडिया के माध्यम से उसका समर्थन करती है और ऑफिस में काम कर रहे लोगों को फिल्म देखने के लिए आधे दिन की छुट्टी देती है। 'झुंड' में एक ऐसा विषय भी है जो हमारे देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 'झुंड' न केवल जाति और आर्थिक असमानता के बीच समानता के बारे में बात कर रही है बल्कि समाज के निचले तबके को उनकी सफलता की कहानी खोजने का एक तरीका भी दिखाती है। "
बता दें द कश्मीर फाइल्स 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की कहानी कहती है। यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार की पहली पीढ़ी के पीड़ितों के वीडियो आर्काइव पर आधारित है। यह कश्मीरी पंडितों के दर्द, पीड़ा, संघर्ष का दिल दहला देने वाला आख्यान है और लोकतंत्र, धर्म, राजनीति और मानवता के बारे में आंखें खोलने वाले तथ्यों पर से पर्दा हटाता है। फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी हैं।
वहीं अमिताभ बच्चन ने फिल्म 'झुंड' में विजय बरसे की भूमिका निभाते हैं। विजय स्लम सॉकर के संस्थापक हैं, जो फुटबॉल के माध्यम से वंचित बच्चों का उत्थान करते हैं। फिल्म की घोषणा फरवरी 2019 में की गई थी। यह 8 मई, 2020 को सिनेमाघरों में दिखाई जाने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। 'झुंड' इसी साल 8 मार्च को रिलीज हुई थी।