Highlights
- सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री की श्रेणी में ‘एसेंशन’, ‘एटिका’ और ‘फ्ली’ भी रेस में थीं।
- ‘राइटिंग विद फायर’ का निर्देशन रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने किया है।
लॉस एंजिलिस: भारतीय डॉक्युमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ को ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री की श्रेणी में ‘समर ऑफ सोल’ ने मात दे दी। मगर भारत के लिए ये भी काफी बड़ी बात है कि फिल्म ऑस्कर के नॉमिनेशन तक पहुंची। आइए आपको बताते हैं कि ये डॉक्युमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ किस मुद्दे पर बनी है।
‘राइटिंग विद फायर’ दलित महिलाओं द्वारा चलाए गए एक समाचार पत्र ‘खबर लहरिया’ पर आधारित कहानी है। इस मीडिया संगठन की पूरी टीम वक्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रिंट मीडिया छोड़कर पूरी तरह डिजिटल माध्यम को अपना लेती है।
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ये फिल्में भी रेस में थीं
हॉलीवुड के सबसे बड़े पुरस्कार समारोह ऑस्कर के 94वें संस्करण में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र श्रेणी में ‘एसेंशन’, ‘एटिका’ और ‘फ्ली’ भी दौड़ में थीं। ‘राइटिंग विद फायर’ का निर्देशन रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने किया है। पुरस्कार समारोह आयोजित होने से कुछ हफ्ते पहले, फिल्म उस समय विवादों में घिर गई थी, जब अखबार संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि डॉक्युमेंट्री में उनकी कहानी को सही ढंद से प्रस्तुत नहीं किया गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे फिल्म की ऑस्कर जीतने की संभावनाएं प्रभावित हुई या नहीं।
ग्रामीण मीडिया संगठन 'खबर लहरिया' ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘राइटिंग विद फायर’ में उनके बारे में जो कुछ दिखाया-बताया गया है, वह अधूरा है। ‘खबर लहरिया’ की संपादक कविता बुंदेलखंडी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा था, ‘‘ हमें इस बात पर बहुत गर्व है कि हमारे संगठन पर इस तरह का वृत्तचित्र बनाया गया।
इनपुट- भाषा