फिल्म ग्राइंडिंग ह्यूमिनिटी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने के बाद अब पर्दे पर आने को तैयार है। बिहार की धरती पर बनी इस फिल्म की काफी चर्चा हो रही है। यह फिल्म इस बात पर सवाल उठाती है कि धर्म बड़ा है या इंसानियत ? आज कमर्शियल सिनेमा के दौर में जब विषय वस्तु का चयन बाजार की संभावनाओं के मुताबिक किया जाता है वहीं इस फिल्म में मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक सरोकारों से जुड़े एक ऐसे विषय का चयन किया गया, जिस पर फिल्म बनाने का साहस कम ही लोग कर पाते हैं। लेकिन ग्राइंडिंग ह्यूमिनिटी के निर्माता-निर्देशक ने एक साहसिक कदम उठाया और इसे सफलता पूर्वक पूरा भी किया। अब यह फिल्म जल्द ही बिहार, झारखंड और बंगाल के सिनेमाघरों में दर्शकों के बीच आने को तैयार है।
बेहद कम संसाधनों में इस फिल्म का निर्माण हुआ और इसमें स्थानीय कलाकारों की भूमिका अहम रही। इस फिल्म के लेखक-निर्देशक रूचिन वीणा चैनपुरी हैं, जो पटना में ही रहकर लीक से हटकर फिल्में बनाने लिए जाने जाते हैं। इससे पहले नाइन, बाथटब जैसी शॉर्ट फिल्मों से उन्हें काफी सरहाना मिली। इन फिल्मों का प्रदर्शन कई फिल्म महोत्सव में हुआ। रुचिन चैनपुरी को मिथिला कोशी फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है। फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कम समय में ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
इस फिल्म के स्पेशल स्क्रीनिंग के अवसर पर फिल्म के लेखक-निर्देशक रूचिन वीणा चैनपुरी ने कहा कि बेहतरीन पटकथा, शानदार अभिनय, कर्णप्रिय गीत-संगीत और उम्दा सिनेमेटोग्राफी के चलते दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।
फ़िल्म के प्रोडक्शन डिज़ाइनर और एडिशनल स्क्रीनप्ले लेखक ज़िया हसन ने इस अवसर पर बताया कि कोई भी फ़िल्म सीमित संसाधन में कैसे बनायी जा सकती है इसका बेहतरीन उदाहरण है ‘ ग्राइंडिंग ह्यूमानिटी’ है । फ़िल्म का प्रोडक्शन वैल्यू आप को अचंभित कर देगा। विशुद्ध रूप से बिहार के नवोदित कलाकारों और तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा निर्मित यह फिल्म बिहार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। 75 प्रतिशत फिल्म की शूटिंग सीमित संसाधनों में बिहार के अलग अलग स्थानों पर किया गया है। इस फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर रंजीत राज हैं। जो लंबे अर्से से रंगमंच से भी जुड़े रहे हैं।
फ़िल्म की मुख्य भूमिका में दानिश अंसारी, आकांक्षा सिंह और रंजीत राज हैं। अन्य सहायक भूमिका में अनूप कुमार, निहाल कुमार दत्ता, अभिनव आनंद, स्वास्तिक डे विस्वास,अलमा मुश्ताक, शैस्ता परवीन, गुंजन सिंह राजपूत, विनीत सिंह और जिया हसन हैं। इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग अल्तमश कुमार की है। नीरज कुमार (प्यारेपुरी) के गीतों पर संगीत डेनियल रोड्रिक्स ने दिया है और बैकग्राउंड स्कोर सुदर्शन का है। 'धर्म बड़ा है या इंसानियत’ का एक संतुलित जवाब ढूंढने का प्रयत्न है 'ग्राइंडिंग ह्यूमिनिटी'। इस फिल्म का निर्माण Cinema Neorealism ने किया है।