भारत में हर शुक्रवार को फिल्मों का त्योहार लगता है, यानी सिनेमाघरों में फिल्में रिलीज होती हैं। बॉक्स ऑफिस इन फिल्मों को परखता है। कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस की परीक्षा में पास होती हैं तो कुछ फेल होती हैं। वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जो बेमिसाल सफलता के साथ टॉपर बनकर उबरती हैं। अब ओटीटी और मल्टीप्लेक्स का दौर है, पहले सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों में फिल्में रिलीज हुआ करती थीं। उस दौर में भी फैंस अपने चहते सितारों की फिल्में देखने के लिए टॉकीज के बाहर भीड़ लगाते थे, लंबी लाइनों में घंटों खड़े होकर टिकट खिड़की से टिकट खरीदते थे और फिर मूवी का लुत्फ उठाते थे। कई बार ऐसा भी होता था कि जब तक लाइन में खड़े लोग टिकड़ खिड़की तक पहुंचते थे तब तक सभी टिकट बिक जाती थी और सिनेमाघरों के बाहर हाउसफुल का बोर्ड लगा दिया जाता था। उस दौर में टिकट ब्लैक होने का भी खूब चलन था।
फिल्म में थे तीन सुपरस्टार
80 के दशक में एक फिल्म में ऐसी रिलीज हुई थी, जो कई दिनों तक हाउसफुल रही। इसमें उस दौर के तीन बड़े सुपरस्टार थे जिनकी मौजूदगी ने इस फिल्म को लीजेंडरी बना दिया था। हम बात कर रहे हैं मिथुन चक्रवर्ती, गोविंदा और संजय दत्त अभिनीत फिल्म 'जीते हैं शान से' की जो 1988 में रिलीज हुई थी। कवल शर्मा द्वारा निर्देशित 'जीते हैं शान से' में 80 के दशक के तीनों बड़े सुपरस्टार ने काम किया था और यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। अप्रैल 1988 में रिलीज होने पर यह फिल्म मुंबई में लगभग 2 सप्ताह तक 100% हाउसफुल रही। मात्र 2 करोड़ के बजट में बनी फिल्म 'जीते हैं शान से' ने बॉक्स ऑफिस पर 8 करोड़ की कमाई की थी। यह 1988 में मिथुन चक्रवर्ती और कवल शर्मा के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई।
फिल्म में नजर आए थे ये सितारे
'जीते हैं शान से' एक आम बॉलीवुड एक्शन फिल्म है, जिसमें मंदाकिनी ने जूली, विजेता पंडित ने किरण और डैनी डेन्जोंगपा ने बलवंत/डी.के. की भूमिका निभाई है। 'जीते हैं शान से' पहली बार पर्दे पर मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा की जोड़ी साथ आई थी। वैसे ये दोनों की साथ में पहली और आखिरी फिल्म रही। इसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया। इस फिल्म का गाना 'जुली जुली' आज भी काफी हिट डांस नंबर है। इस फिल्म के कई और गाने भी काफी हिट थे। अन्नू मलिक ने इस फिल्म का म्यूजिक तैयार किया था। इनमें 'सलाम सेठ सलाम सेठ', 'जीते जी जान से', 'गोविंदा गोविंदा' जैसे कई गाने शामिल हैं।