2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में सरगर्मी बढ़ गई है। इस बार तो इस चुनाव में कंगना रनोट और अरुण गोविल समेत कई फिल्मी सितारे भी अपनी किस्मत आजमाने जमीन पर उतरे हैं। फिल्मों में अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाकर सेलेब्स अब मंत्री बनने के लिए सियासी दांव पेंच करते नजर आएंगे। लेकिन क्या आपको चुनावी दांव पेंच की समझ हैं? क्या आप जानते हैं कि चुनाव लड़ने के लिए और सत्ता में बने रहने के लिए क्या कुछ करना पड़ता हैं? अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको बाॅलीवुड की कुछ ऐसी फिल्मों के नाम बताने जा रहे हैं, जिन्हें देकखर आपको थोड़ी-बहुत सियासी दांव पेंच तो जरूर समझ आ जाएगी।
'नायक'
अनिल कपूर की फिल्म 'नायक' एक बेहतरीन पॉलिटिकल ड्रामा फिल्मों में गिनी जाती है। ये फिल्म साल 2001 में रिलीज हुई थी। फिल्म में पत्रकार के रोल में दिखने वाले अनिल कपूर एक दिन के मुख्यमंत्री बनते हैं। ये फिल्म राजनीति का वो चेहरा दिखाती है जिसे आम जनता कभी देख नहीं पाती।अनिल कपूर की इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था। वहीं 'नायक' में अनिल कपूर के अलावा रानी मुखर्जी ,अमरीश पुरी, परेश रावल और जॉनी लीवर भी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। यह फिल्म अनिल कपूर के करियर की सबसे सफल फिल्मों में से एक है।
'सत्ता'
2003 में रिलीज़ हुई फिल्म 'सत्ता' की कहानी में भी राजनीति के उन छुपे पहलुओं को दिखाया गया है जो आम जनता के बीच मात्र अफवाह बन कर रह जाते हैं।
'राजनीति'
अजय देलगन, नाना पाटेकर, रणबीर कपूर, कटरीना कैफ स्टारर फिल्म 'राजनीति' की कहानी भी काफी दिलचस्प है। फिल्म में आप देखेंगे कि एक राजनीतिक परिवार का लड़का यानी की रणबीर कपूर जो राजनीति से दूर अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा है वो कैसे परिस्थितियों में फंस कर भारत वापस आ जाता है। यहां आने के बाद उसे ना चाहते हुए भी राजनीति में उतरना पड़ता है और यहीं से शुरू होता है सियासी दांव पेंच।
'सत्याग्रह'
प्रकाश झा द्वारा निर्मित फिल्म 'सत्याग्रह' की कहानी अन्ना हजारे के 'अन्ना अनशन' से प्रेरित है। साल 2013 में आई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, अर्जुन रामपाल और करीना कपूर हैं।
'गुलाल'
'गुलाल' फिल्म भी अब तक छात्र राजनीति पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्मों में से मानी जाती है। इस फिल्म में आप छात्र राजनीति का एक अलग ही चेहरा देखेंगे।