शेख हसीना 1996 से 2001 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। लेकिन बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे बवाल ने अब शेख हसीना से उनकी गद्दी छीन ली है। भारी प्रदर्शन के बाद शेख हसीना का तख्तापलट हो गया है, जिसके बाद उन्हें भारत में शरण लेना पड़ा है। उनके बांग्लादेश छोड़ते ही पूरे देश में भारी बवाल देखा जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, जिसकी कुछ झलकियां हमे सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है। लेकिन क्या आप जानते है कि इससे पहले भी शेख हसीना की जिंदगी में कई भूलाच आ चुके हैं, जिसमें उन्हें अपने परिवार तक को खोना पड़ा था। शेख हसीना का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ऐसे में उनके निजी जीवन और संघर्षों पर फिल्में भी बन चुकी हैं।
'हसीना: अ डॉटर्स टेल'
16 नवंबर 2018 को रिलीज हुई 'हसीना: अ डॉटर्स टेल' एक डॉक्यू-ड्रामा फिल्म है, जिसमें शेख हसीना की जिंदगी को बखूबी दिखाया गया था। इस फिल्म का डायरेक्शन पिपलु खान ने किया था। 70 मिनट के ड्यूरेशन में बनी इस फिल्म में 1975 में हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हुई हत्या की घटना को दर्शाती है। इस फिल्म में खुद शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना बात करती दिखी थीं। उन्होंने बताया कि कैसे साजिश के तहत उनके पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया था।
'मुजीब: द मेकिंग ऑफ अ नेशन'
शेख हसीना और उनके परिवार पर एक और फिल्म बनी थी, जिसका नाम 'मुजीब: द मेकिंग ऑफ अ नेशन' है। ये फिल्म 13 अक्टूबर 2023 को रिलीज हुई थी। मुजीब के 9 महीने तक पाकिस्तान जेल में रहकर अपने देश में लौटने से इस कहानी की शुरूआत होती है। मुजीब जब अपने देश लौटते हैं तो वो वहां के लोगों को बताते हैं कि उन्हें जेल में फांसी दी जाने वाली थी। वहीं इस फिल्म की कहानी का दी एंड उस सैन्य तख्तापलट के साथ होता है जब मुजीब और उनके पूरे परिवार को मौते के घाट उतार दिया जाता है। हालांकि इस हादसे में शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना बच गई थीं, क्योंकि वो दोनों उस वक्त जर्मनी में थीं। इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म हूक (Hooq) पर देख सकते हैं।