आज भले रैप और हिप हॉप का जमाना हो, लेकिन रोमांटिक सॉन्ग्स को लेकर लोगों की पसंद में कोई कमी नहीं आई है। 70-80 और 90 के दशक की फिल्मों के गाने आज भी खूब पसंद किए जाते हैं। जैसे एक फिल्म के तैयार होने के पीछे की एक कहानी होती है, वैसी ही मजेदार कहानियां फिल्मों के गानों के पीछे भी होती हैं। फिल्म में कितने गाने होंगे, कहानी में किस जगह इसे सेट किया जाएगा और इसे आवाज कौन देगा, सारी चीजें फिल्म की कहानी तय होने के बाद ही होती है। क्या आपको सदी के सबसे रोमांटिक सॉन्ग 'एक लड़की को देखा तो...' के पीछे की कहानी पता है। हाल ही में फराह खान ने इस गाने के पीछे की कहानी का खुलासा किया है।
जावेद अख्तर ने 5 मिनट में लिख दिया था गाना
बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोरियोग्राफी में क्रांति लाने वाली फराह खान ने रेडियो नशा को दिए इंटरव्यू में '1942: ए लव स्टोरी' के सुपरहिट सॉन्ग 'एक लड़की को देखा तो...' के बारे में बात की। फराह ने बताया कि जावेद अख्तर ने सदी का सबसे रोमांटिक सॉन्ग 5 मिनट में ही लिख दिया था और उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि आरडी बर्मन ने इस गाने को 5 सेकेंड में कंपोज किया था।
आरडी बर्मन संगीत प्रभावित है 'मैं हूं ना'
फराह खान ने बॉलीवुड को कई हुक स्टेप्स दिए हैं, जिनमें 'यू आर माई सोनिया', 'एक पल का जीना', 'इट्स द टाइम टू डिस्को' सहित जैसे कई गानें शामिल हैं । कोरियोग्राफर और डायरेक्टर फराह खान ने महान संगीतकार आरडी बर्मन को लेकर अपना प्यार बयां करते हुए बताया कि वह उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। फराह ने बताया कि आरडी बर्मन के प्रति उनके प्यार ने ही उनकी फिल्म 'मैं हूं ना' के म्यूजिक को प्रभावित किया।
जब फराह को पता चला आरडी बर्मन तैयार कर रहे हैं संगीत
रेडियो नशा के साथ बातचीत में फराह ने आरडी बर्मन के संगीत के बारे में बात की । फराह ने बताया कि 'मेरी दूसरी फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' को लेकर जब मुझे पता चला कि महान संगीतकार आरडी बर्मन संगीत तैयार कर रहे हैं, तो मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो गई थी। मैं एक चमची की तरह म्यूजिक रिकॉर्डिंग के लिए जाती थी और तो और मैं हर सिटिंग के दौरान वहां मौजूद रहती थी। मेरे लिए, यह ऐसा था जैसै मैं म्यूजिक के देवता को देख रही हूं।'
गाना लिखना भूल गए थे जावेद अख्तर
फराह ने फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' की मेकिंग से जुड़ा दिलचस्प किस्सा साझा किया। इसके लिए बर्मन संगीत तैयार कर रहे थे और जावेद अखर इस गीत को लिख रहे थे । फराह ने 'एक लड़की को देखा तो...' की मेकिंग को याद करते हुए फराह ने बताया कि म्यूजिक मीटिंग के दौरान जावेद अख्तर बिना किसी तैयारी के ही पहुंच गए थे।
कोरा कागज लेकर मीटिंग में पहुंचे जावेद अख्तर
फराह ने आगे बताया, जावेद अंकल भूल गए थे कि उन्हें गाना लिखना है। वह एक कोरा कागज लेकर अंदर आ गए। उन्होंने कहा, 'अच्छा फिर से बताओ क्या है?' ऐसे में उन्हें वो सीक्वेंस फिर से बताया गया, जहां अनिल कपूर का किरदार पहली बार मनीषा कोइराला के किरदार को देखता है और देखते ही प्यार करने लगता है। सीक्वेंस सुनने के बाद जावेद अख्तर ने अपने असिस्टेंट को बुलाया और उससे कहा- 'अच्छा लिखना शुरू करो'। इसके बाद जावेद अंकल ने बोलना शुरू कर दिया- 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, जैसा खिलता गुलाब, जैसा शायर का ख्वाब, जैसे वन में हिरण ...' उन्होंने पांच मिनट के अंदर इसी तरह की पांच और पंक्तियां बोलीं। हमने सबसे अच्छी पंक्तियां चुन लीं और उन्हें बताया। फिर क्या था उन्होंने तुरंत कागज का टुकड़ा दिया और कहा, ‘यह लो तैयार हो गया गाना’।
5 सेकेंड में तैयार हो गई गाने की धुन
फराह खान ने ये भी बताया कि जावेद अख्तर पहले ही लोगों को हैरान कर चुके थे, लेकिन सब लोग तब और कुछ नहीं समझ पाए जब आर डी बर्मन ने अपना हारमोनियम लिया और 5 सेकेंड के अंदर धुन तैयार कर दी । फराह ने उन पलों को याद करते हुए कहा- ‘जब भी कभी मैं इसके बारे में सोचती हूं, मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जावेद अंकल ने ये गाना 5 मिनट में लिखा और दादा (आर डी बर्मन) ने 5 सेकेंड में इसकी धुन तैयार कर दी। बेहतरीन चीजें ऐसे ही बनती हैं ।’