फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर जिस बेसब्री से दर्शक इंतजार कर रहे थे रिलीज होते ही इस फिल्म ने लोगो को उतना ही ज्यादा निराश किया है। भारत से लेकर नेपाल तक 'आदिपुरुष' का विरोध किया जा रहा है। यहां तक कि कुछ लोग कोर्ट से बैन लगाने की मांग तक कर रहे हैं। VFX से लेकर स्टार कास्ट तक को लेकर यह फिल्म विवादों में छाई है। मेकर्स पर आरोप है कि इस फिल्म में जिस तरह से भगवान श्री राम, हनुमान और रावण का लुक दिखाया गया है वह मूल रामायण का अपमान है, इस फिल्म में धार्मिक कथाओं को अलग तरीके से पेश किया गया है, जो कि गलत है। फिल्म में प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान लीड रोल में हैं।
सबसे पहले बात भगवान श्री राम की करते हैं -
फिल्म में जिस तरह से भगवान श्री राम को बात बात में गुस्सा आ जाता है असल में भगवान राम इसके विपरीत हैं। भगवान श्री राम तो मर्यादा परुषोत्तम थे। इस फिल्म में घनी मूंछे, योद्धाओं जैसे शरीर वाले प्रभास में लोगों को भगवान राम की शालीनता खल रही है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम का मुख आभामंडल चंद्रमा के समान सौम्य, कांतिवाला कोमल और सुंदर था। वे सदा शांत रहते थे और सदैव मीठे वचन बोलते थे। श्रीराम बहुत दयालु भी है। वाल्मीकि रामायण के सुन्दर कांड के सर्ग 35 में श्लोक 6 से लेकर 35 तक श्री राम के रूप और स्वाभाव का विस्तार से वर्णन किया है, लेकिन शायद मेकर्स और राइटर ने इसे पढ़ने की जहमत ही नहीं उठाई होगी।
अब बात श्री राम के परम भक्त हनुमान की -
हनुमान के लुक को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। हनुमान इस फिल्म में रामानंद सागर वाले 'रामायण' से बिलकुल अलग है। फिल्म में हनुमान जी के कपड़ों और दाढ़ी की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। 'रामायण' सीरियल देखकर लोगों के मन में जो छवि बसी हुई है, ये एकदम उससे विपरीत था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भूरा रंग, सफेद कपड़े पहने हुए हनुमान जी को मां सीता ने देखा था। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। उनके नेत्र तपे हुए सोने की तरह चमक रहे थे। उनका शरीर वज्र की तरह प्रतीत होता है। वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड के सर्ग 32 में श्लोक 1,2 में हुनमान जी का विस्तार से वर्णन किया गया है।
अब बात रावण के लुक की -
रामानंद सागर की टीवी सीरियल 'रामायण' में रावण की भूमिका बहुत अलग थी। अभिनय से उन्होंने जो बेंचमार्क हासिल किया वो आजतक कायम है। रावण का जिक्र होते ही लोगों के दिमाग में उनका चेहरा लोगों को याद आ जाता है, लेकिन फिल्म 'आदिपुरुष' में रावण का कैरक्टर कहीं से भी रावण का नहीं लग रहा। रावण के लुक से लेकर उनकी सवारी तक विवादों में है। सैफ का लुक किसी खूंखार राजा की तरह नजर आ रहा है। रावण की छवि एक महान धार्मिक शख्सियत की रही है न कि किसी राक्षस की। सुंदरकांड के सर्ग 10 में श्लोक 6 से 30 तक रावण के स्वरुप का वर्णन है। जब हनुमान जी लंका पहुंचे थे तब उन्होंने रावण को सोते हुए देखा था। जिसके अनुसार रावण का लुक इस तरह का था कानों में चमकते हुए कुंडल, लाल आंखें, बड़ी भुजाए और पूरे शरीर में लाल चंदन लगाए हुए, रावण ऐसा दिखता है। रावण को देखर हनुमान जी कहते हैं, रावण रूप, सौन्दर्य, धैर्य, कांति जैसे सभी लक्षणों से निपुण है, अगर वो अधर्मी न होता तो देवलोक का स्वामी बन जाता।
फिल्म की सच्चाई -
रामायण' पौराणिक ग्रंथ है ये हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर, मानव सभ्यता के लिए नींव है। इसे न हिलाया जा सकता है और न ही बदला जा सकता है और इसके साथ किसी तरह का खिलवाड़ या छेड़छाड़ भी ठीक नहीं है, लेकिन यहां भी फिल्म के राइटर ने 'आदिपुरुष' को सही बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया की फिल्म महाकाव्य रामायण नहीं है और न ही इसका रूपांतरण है।
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