दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा के वो सितारे हैं, जो आज भले इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन अपने किरदारों के जरिए वो आज भी दर्शकों और अपने प्रशंसकों के दिलों में जिंदा हैं। दिलीप कुमार उन चुनिंदा सितारों में से थे, जिन्होंने जीते जी तो दर्शकों को अपना दीवाना बनाए ही रखा साथ ही इस दुनिया से जाने के बाद भी उनकी लोकप्रियता कायम है। 11 दिसंबर यानी आज, दिलीप कुमार की 102वीं जयंती है। अपने लंबे फिल्मी करियर में अभिनेता ने कई हिट, सुपरहिट फिल्में दीं। दिलीप कुमार को लेकर एक बात मशहूर थी कि उन्होंने हमेशा उन फिल्मों को तरजीह दी जो उनकी अभिनय क्षमता के साथ न्याय कर सकें। आज दिलीप कुमार की बर्थ एनिवर्सरी है, इस मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
दिलीप कुमार का जन्मदिन
दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश राज के दौरान पेशावर में हुआ, जो अब पाकिस्तान में है। उनका असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था, जो पेशावर से पुणे ड्राई फ्रूट की सप्लाई करने आए थे। दिलीप कुमार की शुरुआत से ही अभिनय में दिलचस्पी थी, ऐसे में जैसे ही उनके हाथ अभिनय का मौका लगा अपने पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर अभिनय का रास्ता चुना। उनकी पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' था। फिल्म निर्माता ने उन्हें दिलीप कुमार नाम दिया, जो आगे चलकर उनकी पहचान बना।
फिल्मों में आते ही गाड़े सफलता के झंडे
फिल्मों में आते ही उन्होंने सफलता के झंडे गाड़ना शुरू कर दिया। अपने करियर में उन्होंने 'अंदाज','बाबुल', 'दीदार', 'देवदास', 'मधुमति', 'मुगल-ए-आजम', 'नया दौर', 'राम और श्याम' और 'गंगा जमुना' जैसी एक से बढ़कर एक फिल्मों में शानदार अभिनय किया। अपने करियर के शुरुआती दौर में ही उन्होंने ऐसी फिल्में दीं जिन्होंने उन्हें करियर की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। सब ठीक चल रहा था, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ जो उन्हें 'ट्रेजेडी किंग' कहा गया?
दिलीप कुमार को क्यों कहा गया ट्रेजेडी किंग?
कई कलाकारों को आपने अपने ऊपर उनके निभाए किरदारों का असर पड़ने की बात कहते सुना होगा। दिलीप कुमार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 50s का दौर था और अभिनेता का स्टारडम अपने चरम पर था। दरअसल, 50s के दौरान दिलीप कुमार ने जिन भी फिल्मों में काम किया, उनमें उन्होंने गंभीर किरदार निभाए थे, इसी के चलते उनका नाम ट्रेजेडी किंग पड़ गया। जिन फिल्मों ने दिलीप कुमार को बुलंदियों पर पहुंचाया, उन्हीं के चलते वह काफी समय डिप्रेशन में भी रहे, जिसका खुलासा उन्होंने खुद किया था।
जब साइकेट्रिस्ट से बात करने की नौबत आ गई
दिलीप कुमार एक समय पर ऐसी स्थिति में पहुंच गए थे कि उन्हें साइकेट्रिस्ट से कंसल्ट करना पड़ा था। साइकेस्ट्रिस्ट ने उन्हें सलाह दी की उन्हें कॉमेडी फिल्में करनी चाहिए, ताकि वह उन गंभीर किरदारों से उबर पाएं।