देव आनंद हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता थे। 'प्रेम पुजारी', 'गाइड', 'मंजिल' और 'हरे कृष्णा हरे रामा' जैसी सुपरहिट फिल्में दे चुके बॉलीवुड के पहले फैशन आइकन देव की 3 दिसंबर को डेथ एनिवर्सरी है। वह अपने दौर के सबसे मशहूर और अभिनेता में से एक थे। फिल्मों की तरह देव की लाइफ भी काफी दिलचस्प रही। भले ही आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके चाहने वाले उन्हें आज भी याद करते हैं। अभिनेता के साथ-साथ लेखक, निर्देशक और निर्माता देव जो बॉलीवुड में अपने काम के लिए जाने जाते थे। उन्होंने लगभग 6 दशकों तक सिनेमा जगत पर राज किया है। उन्होंने अपनी ऐसी छाप छोड़ी कि आज भी उनके काम को याद किया जाता है।
एक्टर फैंस के लिए हाथ से लिखते थे खत
देश-विदेश में नेम फेम कमाने वाले देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद था। मिडिल क्लास फैमिली में 26 सितंबर 1923 को जन्में इस अभिनेता को दो साल तक संघर्ष करने के बाद साल 1946 में उन्होंने फिल्म 'हम एक हैं' से हिंदी सिनेमा में एंट्री कर धमाका कर दिया। उनकी खास बात ये थी कि कोई भी उनका दोस्त बनाने से पहले ज्यादा सोचता नहीं था। देव आनंद, रतन टाटा के पिता नवल टाटा, सोली गोदरेज और विजय माल्या के पिता विट्ठल माल्या और नेपाल के किंग महेंद्र उनके दोस्त बन गए थे। दिग्गज अभिनेता को जब भी समय मिलता था तो वह अपने फैंस के लिए अपने हाथ से खत लिखते थे। ये खुलासा एक्टर ने बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में किया था।
फैशन आइकन कैसे बने देव आनंद
देव आनंद ने 'विद्या', 'जीत', 'शायर', 'अफसर', 'दो सितारे' और 'सनम' समेत 116 फिल्मों में काम किया। आखिरी बार देव आनंद को फिल्म 'चार्जशीट' में देखा गया था जो उनके निधन से 3 महीने पहले सिनेमाघरों में आई थी। देव आनंद ने अपने स्कार्फ़, मफलर, और जैकेट के साथ फैशन स्टेटमेंट बनाया था। उनका ब्लैक कोट और व्हाइट शर्ट वाला लुक आज भी लोग कॉपी करने की कोशिश करते हैं। 65 साल के फिल्म सफर में उन्होंने अपने अलग-अलग स्टाइल से लोगों का खूब ध्यान खींचा। उन्होंने अपने सिंगनेचर पफ के साथ फैशन स्टेटमेंट तैयार किया और बॉलीवुड के पहले फैशन आइकन बन गए।