साउथ सिनेमा का नाम सुनते ही कुछ चुनिंदा हीरोज के चेहरे दिमाग में घूमने लगते हैं। साउथ सुपरस्टार्स में गिने जाने वाले एक्टर चिरंजीवी ने अभिनय की दुनिया में 50 साल पूरे कर लिए हैं। इन जादुई 50 सालों में चिरंजीवी ने अपनी मेहनत के दम पर शोहरत और इज्जत का ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो सिनेमा की दुनिया में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। साउथ सिनेमा से उठा से सितारा बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक छाया रहा और पूरी दुनिया में अपनी टैलेंट का सिक्का चलाया। चिरंजीवी के अचीवमेंट्स केवल सिनेमा जगत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राजनीति में एक भी एक खास पहचान रखते हैं।
पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसे सम्मान हासिल करने वाले चिरंजीवी ने हाल ही में अपनी 50 साल पहले की एक प्ले की तस्वीर शेयर की है। चश्मा लगाए, सांवला और दुबला-पतला ये लड़का कभी इस खास मुकाम पर पहुंचेगा ये किसी से सोचा भी नहीं होगा। चिरंजीवी ने तेलुगु में भाषा में इस फोटो पर लिखा, 'राजीनामा! रंगस्थलम के पहले प्ले की तस्वीर, वायएनएम कॉलेज नरसापुर। इस प्ले को लिखा था कोणा गोविंदा राव। इसी प्ले ने मुझे दुनिया में सबसे पहले पहचान दिलाई और बेस्ट एक्टर बनाया। इसके बाद से भरा कॉन्फिडेंस आज तक जारी है।'
सिनेमाजगत में एक मिसाल है चिरंजीवी की यात्रा
चिरंजीवी की जिंदगी एक मिसाल के तौर पर देखा जाती है। 22 अगस्त 1955 को आंध्र प्रदेश के नरसापुर में जन्मे चिरंजीवी ने यहीं से कॉलेज किया था। कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने एक्टिंग में दिलचस्पी ली और थियेटर करने लगे। कॉलेज के दिनों से ही काफी नाम कमा चुके चिरंजीवी ने 1978 में Punadhirallu फिल्म के जरिए डेब्यू किया। इसके बाद चिरंजीवी की यात्रा लगातार जारी रही और चंद फिल्मों के बाद ही सुपरस्टार बन गए। चिरंजीवी ने अपने करियर में 176 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और बेस्ट एक्टर के तौर पर 9 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता। साउथ सिनेमा का सबसे प्रिस्टिजियस अवॉर्ड में गिना जाने वाले नंदी अवॉर्ड से भी चिरंजीवी को सम्मानित किया जा चुका है।
पद्मभूषण और पद्मविभूषण से भी किया सम्मानित
सिनेमा जगत के साथ भारत सरकार ने भी चिरंजीवी को साल 2006 में पद्मभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया था। इसके बाद इसी साल चिरंजीवी को भारत सरकार ने पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी चिरंजीवी को रघुपति वैंकेया अवॉर्ड दिया है।
राजनीति में भी कमाया खास नाम
चिरंजीवी ने साल 2008 में प्रजा राजम्य पार्टी भी लॉन्च की थी। इस पार्टी ने लॉन्च होने के बाद ही पहले चुनाव में काफी हंगामा काट दिया था। 2009 में आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में चिरंजीवी की पार्टी ने 294 में से 18 सीटें जीती थी और कुल वोटों का 16 प्रतिशत हासिल किया था। इस जीत ने उन्हें राजनीति की दुनिया का बड़ा नाम बना दिया। हालांकि बाद में ये पार्टी कांग्रेस के साथ मिल गई। चिरंजीवी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट के साथ स्टेट कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।