आज 18 अक्टूबर है। आज से ठीक 72 साल पहले अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता से बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके, पदमश्री से सम्मानित मशहूर अभिनेता ओम पुरी साहब का जन्म हरियाणा के अंबाला शहर में हुआ था। ओम पुरी साहब का बचपन बहुत अभावों में बीता था, उन्होंने इंडिया टीवी के मशहूर शो 'आप की अदालत' में बताया था कि 6 साल की उम्र में चाय की दुकानों पर बर्तन साफ करते थे, उसके बाद उन्होंने कुछ समय के लिए एक ढाबे पर भी बर्तन धोने का काम किया। यहां से उन्हें कुछ समय बाद निकाल दिया गया था। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों में भी उनकी एक्टिंग के प्रति ललक बनी रही और उनकी यही ललक उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) , दिल्ली और फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, (पुणे) तक पहुंचा देती है, जो भारत के सर्वश्रेष्ठ एक्टिंग कॉलेजों के रूप में विश्व विख्यात हैं।
'घासीराम कोतवाल' से हुई शुरुआत
काफी संघर्षों के बाद बाद 1976 में 'घासीराम कोतवाल' नामक मराठी फिल्म से बड़े पर्दे पर पदार्पण का मौका मिला। गोविंद निहलानी द्वारा निर्देशित फिल्म आक्रोश (1980 ) ओम पुरी साहब की पहली हिन्दी फिल्म थी। 1982 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'आरोहण ' और 1983 में गोविंद निहलानी की फिल्म 'अर्धसत्य' ने उन्हें काफी शोहरत दिलाई। इन दोनों फिल्मों के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 'राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार' से प्रदान किया गया। पुरी साहब ने खुले मंच से स्वीकार किया था की उनके एक्टिंग करियर को संवारने में निर्देशक गोविंद निहलानी और श्याम बेनेगल सबसे ज्यादा योगदान रहा।
पुरी साहब ने भारतीय भाषाओं की फिल्मों के साथ-साथ 20 से अधिक हॉलीवुड फिल्मों में काम किया है, उन्होंने मशहूर फिल्म निर्देशक रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' में भी कैमियो किया है। अभिनय की बारीकियों को जानने वाले मशहूर फिल्म समीक्षकों का मानना है ओमपुरी साहब भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक थे।
निजी जिंदगी और विवाद
जहां एक तरफ बेहतरीन अभिनय के लिए ओमपुरी साहब को लोगों का ढेर सारा प्यार मिला तो, वहीं दूसरी तरफ उनकी निजी जिंदगी और सार्वजनिक मंचो पर दिए गए विवादित बयानों के कारण काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी। ओम पुरी साहब ने दो शादियां की थीं, उनकी पहली शादी 1991 में फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर की बहन सीमा कपूर से हुआ था, लेकिन यह शादी सिर्फ 8 महीनों तक ही चल सकी। 1993 में इन्होंने पत्रकार नंदितापुरी से शादी की। नंदिता पुरी से भी इनके संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे, नंदिता पुरी ने 2009 में ओम पुरी साहब की जीवनी लिखी जिसे नाम दिया Unlikely Hero : The Story of Om Puri इस पुस्तक के प्रकाशित होने के बाद ओम पुरी साहब और नंदिता पुरी के रिश्ते कभी सामान्य नहीं हो पाए, क्योंकि इस पुस्तक में नंदिता पुरी ने उनके विभिन्न महिलाओं से अनैतिक संबंधों की बात बहुत खुल कर लिखा था। ओम पुरी साहब को लगता था इन बातों को पढ़कर उनके चाहने वाले उनके बारे में गलत सोचने लगेंगे, इस कारण दोनों में मन मुटाव हो गया।
2013 में नंदिता पुरी ने ओम पुरी साहब के खिलाफ घरेलू हिंसा का आरोप लगाया, जिसके कुछ समय बाद दोनों लोगों ने कानूनी रूप से अलग रहना तय कर लिया था। ओम पुरी साहब को 2016 में भारतीय सैनिकों पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए लोगों की तीव्र आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके लिए उन्होंने बाद में माफी भी मांगी। अन्ना आंदोलन के समय राजनेताओं पर शर्मनाक टिप्पणी के लिए ओम पुरी के खिलाफ भारतीय संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था, ओम पुरी ने इसके लिए भी माफी मांगी, उन्होंने कहा मुझे नेताओं और संसद के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।
जन्म की तारीख पर विवाद
ओम पुरी साहब के पास उनके जन्म से संबंधित कोई प्रमाण पत्र या अभिलेख नहीं था। जब उन्होंने पढ़ाई शुरू की तो उनके चाचा ने उनकी जन्मतिथि 9 मार्च 1950 दर्ज करा दी, लेकिन फिल्मों में आने के बाद ओम पुरी साहब अपना जन्मदिन 18 अक्टूबर को मनाते थे, क्योंकि उनकी मां का कहना था की ओम पुरी का जन्म दशहरे से 2 दिन पहले हुआ था और 1950 में दशहरा 20 अक्टूबर को था, इसलिए उससे 2 दिन पहले 18 अक्टूबर को वह अपना जन्मदिन मनाते थे।
ओम पुरी साहब की मृत्यु
6 जनवरी 2017 को ओम पुरी साहब का 66 वर्ष की उम्र में हार्टअटैक के कारण मृत्यु हो गई। ओम पुरी साहब तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा और लगन के बलबूते अभिनय की जो छाप हमारे दिलों पर छोड़ी है वह ताउम्र जीवित रहेगी और अभिनय सीखने और करने वाले छात्रों के लिए ओम पुरी साहब हमेशा आदर्श बनें रहेंगे।