एसएस राजामौली की 'बाहुबली' फ्रेंचाइजी की दोनों ही फिल्में 'बाहुबली: बिफोर द बिगिनिंग' और 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन' ने बॉक्स ऑफिस सफलता के नए आयाम तक किए। क्रिटिक्स ने भी इन फिल्मों को खूब प्यार दिया। थिएटर्स में लोगों की भीड़ लग गई। पहला पार्ट आने के बाद हर कोई सवाल करने लगा कि आखिर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा। इसी के साथ लोगों को दूसरे पार्ट का बेसब्री से इंतजार रहा और इसकी रिलीज ने कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़े। आज भी ये फिल्में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हैं। इनकी सफलता देखते हुए राजामौली ने एक सीरीज बनाने का भी फैसला किया और 300 करोड़ रुपये भी झोंक दिए, लेकिन ये सीरीज आज तक बन ही नहीं सकी।
6 महीने चली शूटिंग
'बाहुबली' फ्रैंचाइजी की सबसे महंगी सीरीज की शूटिंग 6 महीने तक चली। फिर इसे बंद कर दिया गया। निर्माताओं ने इसमें बहुत पैसा लगाया था। 'बाहुबली: बिफोर द बिगिनिंग' का शुरुआती बजट 300 करोड़ रुपये रखा गया था, जो इसे बाहुबली फ्रैंचाइजी का सबसे महंगा क्रिएशन बना रहा था। इसका फॉरमैट भी काफी अलग था। इसे एक सीरीज के रूप में पर्दे पर दिखाया जाना था। अगर ये सीरीज बनती तो भारत की सबसे महंगी टीवी सीरज में से एक कहलाती। मेकर्स के साथ इस सीरीज को बनाने के लिए नेटफ्लिक्स ने भी 150 करोड़ रुपये दांव पर लगाए थे। कहा गया कि ये शुरुआती बजट को 6 महीने में ही बर्न कर दिया गया और कोई रिजल्ट भी नहीं मिला। छह महीने की शूटिंग के बाद सीरीज को बंद कर दिया। कथित तौर पर निर्माता विजुअल से संतुष्ट नहीं थे। फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई कि आखिर इसकी शूटिंग क्यों बंद की गई।
कैसी होने वाली थी ये सीरीज
'बाहुबली: बिफोर द बिगिनिंग' की कहानी 'बाहुबली' फ्रैंचाइजी की दोनों फिल्में 'बाहुबली: बिफोर द बिगिनिंग' और 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन' से पहले की है। इसे एक सीरीज के रूप में तैयार किया जाना था। इस सीरीज के एपिसोड्स में शिवगामी देवी के बचपन से लेकर माहिष्मती की रानी बनने तक की कथा को पिरोया जाना था। कहानी के आधार के तौर पर आनंद नीलकांतन की किताबों 'द राइज ऑफ शिवगामी', 'चतुरंगा', और 'क्वीन ऑफ माहिष्मती' को लिया गया था। इस बार पूरा फोकस शिवगामी देवी पर ही होने वाला था। इस सीरीज में शिवगामी की शक्ति, राजनीति, और साजिशों के बारे में बताया जाना था। 'बाहुबली: द बिगिनिंग' की घटनाओं से 50 साल पहले और 'बाहुबली: द कन्क्लूजन' से लगभग 75 साल पहले की परिस्थितियों के अनुसार इसे सेट किया गया।
दो एक्ट्रेस हुईं साइन
युवा शिवगामी के रोल के लिए के लिए पहले मृणाल ठाकुर को चुना गया था। मृणाल ने काफी दिनों तक शूटिंग भी की, फिर खबरें आईं की उन्हें बाहर कर दिया गया है और शूटिंग भी रुक गई है। नेटफ्लिक्स को विजुअल्स में कमी लगी और इसे दोबारा नए सिरे से बनाने की परियोजना बनाई गई, इससे बजट भी डबल हो गया। दोबारा वामिका गब्बी को इस किरदार के लिए साइन किया गया, लेकिन उनके साथ भी शूटिंग पूरी नहीं हो सकी और ये सीरीज ठंडे बस्ते में चली गई। एक्ट्रेस के साथ-साथ ही कई बार डायरेक्टर भी बदले गए। अब अगर ये सीरीज नए सिरे से बनती है तो इसकी दिलचस्प कहानी लोगों का दिल जरूर जीत सकती है।