'सिंघम अगेन' के बाद अजय देवगन एक बार फिर दर्शकों के बीच एक्शन-थ्रिलर लेकर दर्शकों के बीच हाजिर हो गए हैं। इस फिल्म का डायरेक्शन अनीस बज्मी ने किया है और इसमें अजय देवगन के साथ भूमिका चावला लीड रोल में हैं। अनीस बज्मी के साथ ये अजय देवगन की चौथी फिल्म है। इससे पहले वह 'दीवानगी', 'प्यार तो होना ही था' और 'हलचल' में अजय देवगन अनीस बज्मी के साथ काम कर चुके थे। दिलचस्प बात तो ये है कि इस फिल्म की शूटिंग सालों पहले हो गई थी, लेकिन फिल्म के एक निर्माता की अचानक मौत हो गई, जिसके चलते इसे रिलीज में देरी हुई और अब जाकर ये फाइनली 22 नवंबर को 2024 में रिलीज हुई है। ये फिल्म है 'नाम', जो हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।
फिल्म की कहानी
'नाम' की शुरुआत अजय देवगन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलने से होती है। इसके बाद अजय गिर जाते हैं, इस दौरान उनके हाथ में एक चाबी होती है,जिसे वह आखिरी तक नहीं छोड़ते। ये सीन देखकर 'सिंघम' की याद आ जाती है। जब अजय देवगन उठते हैं तो उनकी याद्दाश्त जा चुकी होती है। अस्पताल में उनकी मुलाकात भूमिका चावला से होती है, जो एक डॉक्टर है। दोनों की शादी हो जाती है और जल्दी ही दोनों की एक बेटी भी हो जाती है। इसी बीच अतीत फिर वापस आता है और सवाल ये है कि अजय देवगन कौन हैं? फिर पूरी फिल्म में यही पता लगाने की कोशिश की जाती है कि आखिर वे कौन हैं और दूसरी तरफ दर्शक ये जानना चाहते हैं कि आखिर इतने सालों बाद इसे रिलीज क्यों किया गया।
कैसी है फिल्म?
2008 के हिसाब से देखा जाए तो फिल्म की कहानी काफी डिस्टर्ब है। अजय देवगन अस्पताल में बेड से उठते हैं, फिर वह डरकर भूमिका के गले लग जाते हैं और अगले ही पल दोनों की बेटी हो जाती है। मतलब 2 सेकेंड में हम दो से हमारा एक हो जाते हैं। इसी बीच फिल्म में समीरा रेड्डी की एंट्री होती है, जो पहले तो अजय देवगन से कहती हैं कि मैं तुम्हे नहीं जानती और अगले ही पल मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। कुल मिलाकर अजय देवगन की फिल्म में ऐसे सस्पेंस की उम्मीद दर्शकों को बिलकुल नहीं रही होगी।
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?
एक्टिंग की बात की जाए तो अजय देवगन ने ठीक काम किया है। भूमिका चावला की भी एक्टिंग ठीक है। समीरा रेड्डी थोड़ा ज्यादा लगती हैं और अजय-भूमिका की बेटी के रोल में नजर आईं श्रिया शर्मा प्यारी लगती हैं। इसके अलावा राहुल देव, मुकेश तिवारी, शरत सक्सेना और यशपाल शर्मा भी अपने-अपने रोल में बढ़िया हैं, लेकिन फिल्म की कहानी आज के हिसाब से काफी बोरिंग है। फिल्म देखकर ये यकीन करना तो और भी मुश्किल हो जाता है कि इसे अनीस बज्मी ने डायरेक्ट किया है।