Highlights
- 7 अक्टूबर 1976 को जन्में शरद केलकर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
- एक इंटरव्यू के दौरान शरद केलकर ने बताया था कि उन्हें बचपन में हकलाने की दिक्कत थी।
Happy Birthday Sharad Kelkar: “अमरेंद्र बाहूबली, यानी कि मैं....” ये डायलॉग सुनते ही हम सभी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अभिनेता प्रभास एक अच्छे कलाकार तो थे, लेकिन फिल्म बाहुबली ने उन्होंने सुपरस्टार बना दिया। फिल्म में सभी एक्टर्स की एक्टिंग, राजामौली का डायरेक्शन, सेट्स, म्यूजिक सबकुछ दमदार था लेकिन जिस चीज ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया वो थे फिल्म के डायलॉग्स। कई लोगों ने केवल डायलॉग्स के कारण फिल्म को कई-कई बार देखा। इसके बाद प्रभास के फैन्स उनके बॉलीवुड में डेब्यू का इंतजार करने लगे। बाहुबली 1 और 2 के बाद प्रभास की दो फिल्में साहो और राधे श्याम रिलीज हुई, लेकिन नतीजा आप सभी को पता है। दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। दोनों ही फिल्में फ्लॉप रहीं। इसके क्या कारण हैं?
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प्रभास की सक्सेस में शरद केलकर का हाथ है
इसका कारण ये है कि जिस दमदार आवाज ने प्रभास को पैन इंडिया स्टार बनाया वो आवाज प्रभास की नहीं बल्कि बॉलीवुड एक्टर शरद केलकर की है। शरद केलकर न केवल एक बेहतरीन अभिनेता है बल्कि एक डबिंग एक्टर भी हैं। उनकी आवाज का जादू लोगों के दिल और दिमाग पर ऐसा चढ़ा है कि अब मेकर्स भी इस बात को मान चुके हैं कि बिना शरद केलकर की आवाज के प्रभास की फिल्में अधुरी हैं। शायद इसलिए एक बार फिर से प्रभास की अपकमिंग फिल्म ‘आदिपुरुष’ में शरद केलकर ने डबिंग की है। फिल्म का टीजर रिलीज हो चुका है। टीजर में जब लोगों ने शरद केलकर की आवाज सुनी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
शरद केलकर की आवाज और प्रभास की एक्टिंग
प्रभास की एक्टिंग और शरद केलकर की आवाज दोनों एक दूसरे पर फिट बैठते हैं। इसलिए जब प्रभास की साहो और राधे-श्याम रिलीज हुई तो लोगों ने प्रभास के स्लो डायलॉग डिलीवरी की आलोचना की। मेकर्स ने भी रिस्क न लेते हुए आदिपुरुष में डबिंग के लिए शरद केलकर को चुनना बेहतर समझा। फिल्म में राम के किरदार में जहां प्रभास जच रहे हैं वहीं शरद केलकर की आवाज उनके किरदार में चार चांद लगा रही है।
बचपन में हकलाकर बोलते थे शरद केलकर
7 अक्टूबर 1976 को जन्में शरद केलकर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। जिस कलाकार की आवाज के लोग आज इतने दीवाने हैं वो एक समय हकलाकर बोलते थे। अपने एक इंटरव्यू के दौरान शरद केलकर ने बताया था कि उन्हें बचपन में हकलाने की दिक्कत थी। वो ठीक से बोल नहीं पाते थे। हकलाने के कारण उनका बहुत मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन अपनी मेहनत से उन्होंने न केवल एक्टिंग बल्कि वॉइसओवर की फील्ड में अपना करियर बनाया।