बाल कलाकार के रूप में इस अभिनेता ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। फिल्मों के सिलेक्शन ने इन्हें अलग पहचान दी। लीड रोल में एंट्री के साथ ही वो एक स्ट्रॉन्ग एक्टर बनकर उबरे। उनकी भूमिकाएं यादगार बन गईं। उनकी गिनती उस दौर के चुनिंदा दमदार एक्टर्स में होने लगी। वो अपने साथी एक्टर्स पर अभिनय कौशल के चलते भारी पड़ने लगे। कई स्थापित सितारे भी उनके आगे घुटने टेकने लगे थे। अभिनय के प्रति उनका जुनून इतना गहरा था कि उन्होंने अपने हुनर को आगे बढ़ाने के लिए ‘कुंवारे पिता’ बनने पर विचार किया। तीन दशकों के अपने उल्लेखनीय करियर में उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। एक ओर उनका फिल्मी करियर फल-फूल रहा था, वहीं दूसरी ओर उनकी निजी जिंदगी कई उतार-चढ़ाव के बीच उलझी हुई थी। उनकी रोमांटिक लाइफ बिल्कुल भी सरल नहीं था। शादी के बंधन में बंधने के बाद भी, उन्होंने सच्चे प्यार की तलाश जारी रखी।
कहलाए चॉकलेटी बॉय
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा के पहले चॉकलेटी बॉय थे। हिंदी फिल्मों में चॉकलेटी हीरो की हमेशा से ही मांग रही है। बतौर हीरो विनोद मेहरा की पहली फिल्म साल 1971 में आई ‘रीता’ थी, जो हिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद उन्होंने ‘नागिन’, ‘जानी दुश्मन’, ‘घर’, ‘स्वर्ग नरक’, ‘कर्तव्य’, ‘साजन बिना सुहागन’, ‘जमना’, ‘एक ही रास्ता’, ‘ये कैसा इंसाफ करके मैंने किया’ और ‘खुद्दार’ उनकी कुछ प्रमुख फिल्में रहीं। इन फिल्मों में उन्होंने अपने किरदार से जान फूंक दी थी। अब आपको उनकी मैरिड लाइफ के बारे में बताते हैं। कई रिश्तों में बंधने के बाद भी वो किसी भी रिश्ते को संभाल नहीं सके। यही वजह रही कि उनका जीवन अकेलेपन से भरा रहा।
नहीं मिला मैरिड लाइफ का सुख
विनोद मेहरा की पहली शादी उनकी मां ने तय की थी, यानी ये एक अरेंज मैरिज थी, लेकिन उनका रोमांटिक सफर बिल्कुल भी सीधा-सादा नहीं था। उन्होंने 4 बार शादी की, लेकिन एक शादी की चर्चा गुप्त रखी गई। उनका पहला विवाह मीना ब्रोका से हुआ, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही विनोद को दिल का हल्का दौरा पड़ा। जब वे स्वस्थ हो गए, तो वे फिल्म उद्योग में लौट आए और अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से प्यार करने लगे, जो उनसे 16 साल छोटी थीं, जिससे उनका प्यार और सिनेमा दोनों के प्रति जुनून फिर से जाग उठा। इसके बाद दोनों ने शादी की और ये शादी सिर्फ चार साल ही चली। इसके बाद विनोद मेहरा ने तीसरी शादी भी की। उन्हें फिर प्यार हुआ। इस बार उन्होंने किरण मेहरा से शादी की। इस शादी से एक्टर के दो बच्चे हुए बेटा रोहन और बेटी सोनिया। ये शादी सही चल रही थी, लेकिन विनोद को दूसरा दिल का दौरा पड़ा और उनकी फिर मौत हो गई।
रेखा से की सीक्रेट वेडिंग
विनोद मेहरा और रेखा के बीच भी अफेयर की चर्चा बॉलीवुड के गलियारों में रही। यासिर उस्मान की किताब रेखा: एन अनटोल्ड स्टोरी के अनुसार दोनों ने गुपचुप शादी भी की थी। जब रेखा कोलकाता में विनोद के घर पहुंचीं, तो उनकी मां कमला मेहरा गुस्से से लाल हो गईं। जब रेखा ने सम्मान दिखाने की कोशिश की तो उन्होंने रेखा को धक्का दे दिया। विनोद ने हस्तक्षेप किया, लेकिन अंततः रेखा को कुछ समय के लिए घर वापस जाने के लिए कहा। उनका रिश्ता वहीं बिखर गया। एक इंटरव्यू में विनोद मेहरा की पत्नी किरण ने रेखा और उनके पति के रिश्ते के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि रेखा ने हमेशा प्यार या शादी की बात से इनकार किया, लेकिन वे विनोद के आखिरी पलों तक उनके साथ रहीं। किरण ने दिल से अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अगर आज उनकी मुलाकात रेखा से होती तो वे उन्हें गले लगा लेतीं, क्योंकि उनके मन में उनके लिए गहरा सम्मान है।