जानें क्यों बतौर कलाकार कभी संतुष्ट नहीं हो सकती तनिष्ठा चटर्जी
जानें क्यों बतौर कलाकार कभी संतुष्ट नहीं हो सकती तनिष्ठा चटर्जी
तनिष्ठा चटर्जी जागरण फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए आई थीं। 'एंग्री इंडियन गॉडेस' 'शैडोज ऑफ टाइम', 'पाच्र्ड' और 'डॉक्टर रुक्माबाई' जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाने के बाद भी वह अपने करियर से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
तनिष्ठा चटर्जी कई बेहतरीन और विविधतापूर्ण किरदार निभाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि रुक्माबाई का किरदार उनके ड्रीम रोल में से एक है, लेकिन वह चाहती हैं कि उनके पास और भी बेहतरीन भूमिकाएं आएं और इसी तरह कई अहम व ऐतिहासिक पात्रों के किरदार निभाने को मिले, ताकि वह दिन-पर-दिन खुद को बेहतर साबित कर सकें।
देशभर में लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में पूछे जाने पर तनिष्ठा इस सवाल को टालने के मूड में नजर आईं। उन्होंने कहा, "पहले 15 फीसदी टैक्स देना होता था, अब 18 फीसदी देंगे। आजकल तो हर चीज पर टैक्स देने का चलन है.. इस पर अभी मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकती।"
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