विनोद खन्ना पहले से ही ओशो से काफी प्रभावित थे। अक्सर पुणे में ओशो के आश्रम जाते रहते थे। कई बार विनोद ने जानबूझकर अपनी शूटिंग का शेड्यूल पुणे में रखवाया। 1975 में अपनी मां के निधन के बाद विनोद ने फिल्मी दुनिया छोड़कर संन्यास लेने का फैसला कर लिया। संन्यासी बनने के बाद विनोद का नाम स्वामी विनोद भारती हो गया।
आगे पढ़िए विनोद को क्यों कहा जाता था 'सेक्सी संन्यासी'